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    बीफ ले जाने के शक में चलती ट्रेन में बुजुर्ग को पीटा, आरोपी को लेकर कोर्ट ने क्या कहा?

    Updated: Tue, 22 Oct 2024 04:01 PM (IST)

    ट्रेन में एक 71 साल का बुजुर्ग बीफ ले जा रहा था ऐसे में कई लोगों ने उसे जमकर पीटा। इसके बाद 71 साल के पीड़ित ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ याचिका डाली। ...और पढ़ें

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    बीफ ले जाने के शक में चलती ट्रेन में बुजुर्ग को पीटा

    पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट में एक्सप्रेस ट्रेन में गोमांस ले जाने के मामले में सुनवाई हुई। दरअसल ट्रेन में एक 71 साल का बुजुर्ग बीफ ले जा रहा था, ऐसे में युवक ने उसे जमकर पीटा। इसके बाद 71 साल के पीड़ित ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ याचिका डाली। अब बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की।

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    न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की एकल पीठ ने 18 अक्टूबर के आदेश में आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि उनकी हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता हो सकती है। मामले की जांच शुरुआती चरण में थी।

    आरोपी को सता रहा था इस बात का डर

    आरोपी को डर था कि उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया जाएगा, क्योंकि पुलिस ने शब्दों, इशारों या वस्तुओं के माध्यम से जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता के तहत डकैती और गंभीर चोट पहुंचाने के नए आरोप लगाए थे।

    जनरल कोच में कल्याण की यात्रा कर रहा था पीड़ित

    घटना के बाद, ठाणे पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया और अवहद और अन्य कथित हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया गया और जमानत पर रिहा कर दिया गया। शिकायत के अनुसार, 71 साल का व्यक्ति 28 अगस्त को चालीसगांव से धुले-सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) एक्सप्रेस के जनरल कोच में कल्याण की यात्रा कर रहा था।

    जब पीड़ित ने कल्याण में उतरने के लिए अपना बैग उठाया, तो कुछ अन्य यात्रियों को उस पर गोमांस ले जाने का संदेह हुआ और उसे रोक लिया। लोगों को यह बताने के बावजूद कि वह भैंस का मांस ले जा रहा है, जिस पर प्रतिबंध नहीं है, कथित हमलावरों ने उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट शुरू कर दी।

    आरोपी ने दी थी जान से मारने की धमकी

    पुलिस ने दावा किया है कि अवहद ने हमले को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड किया था। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पीड़ित पर कथित गोमांस के एक जार को लेकर अवहद समेत पांच से छह अज्ञात लोगों ने हमला किया था। आवेदक (अवहद) और अन्य ने मुखबिर (पीड़ित) को कल्याण रेलवे स्टेशन पर उतरने से रोका और उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी।