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    Maharashtra: कॉलेज की फीस भरने के लिए इंजीनियरिंग के छात्र ने की चोरी, दुकान से चुरा लिए 54 मोबाइल फोन; देखें वीडियो

    महाराष्ट्र में एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक चोर ने अपनी इंजीनियरिंग की फीस भरने के लिए चोरी की। नवी मुंबई स्थित पनवेल अपराध शाखा ने एक 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को उरण में गिरफ्तार किया है और उसके ऊपर 41 मोबाइल फोन और बेलापुर में बेचे गए कुछ फोन चोरी करने के आरोप है।

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 27 Nov 2024 10:39 PM (IST)
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    कॉलेज की फीस भरने के लिए इंजीनियरिंग के छात्र ने की चोरी (

    ऑनलाइन डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में एक हैरान कर देने वाली वारदात सामने आई है। यहां एक चोर ने अपनी इंजीनियरिंग की फीस भरने के लिए चोरी की। नवी मुंबई स्थित पनवेल अपराध शाखा ने एक 20 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र को उरण में गिरफ्तार किया है। उसके ऊपर 41 मोबाइल फोन और बेलापुर में बेचे गए कुछ फोन चोरी करने के आरोप है।

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    अपराध शाखा के अधिकारियों ने पूछताछ की और पाया कि आरोपी ने बेहतर जीवन शैली के लिए कॉलेज में पैसे खर्च करने के लिए पॉकेट मनी के लिए अपराध किया था। आरोपी की पहचान आकाश राजाराम वालकुंडे के रूप में हुई है, जो नेतुल स्थित कॉलेज में इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष में पढ़ रहा है और अपनी मां के साथ उरण में रहता है।

    आरोपी ने दुकान का ताला तोड़ दिया और घुस गया

    आरोपी वालकुंडे ने उटान स्थित एक दुकान से 24 लाख रुपए कीमत के 41 मोबाइल फोन चुराए। पुलिस अधिकारी के मुताबिक घटना रविवार देर रात की है जब दुकानदार ने अपनी मोबाइल दुकान बंद कर दी। इस दौरान आरोपी ने दुकान का ताला तोड़ दिया और नकाब पहनकर दुकान में घुस गया।

    क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा कि दुकान में घुसकर उसने 41 महंगे मोबाइल फोन चुरा लिए। दुकान के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से हमने आरोपी का पता लगाया और चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि आरोपी इंजीनियरिंग का छात्र है। हमने पाया कि उसकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है।

    आरोपी ने बेलापुर में कुछ फोन भी बेचे

    जांच में हमने पाया कि आरोपी वालकुंडे के पिता की कुछ साल पहले मृत्यु हो गई थी और परिवार वित्तीय संकट से गुजर रहा है। पुलिस ने बताया कि छात्र की कॉलेज की फीस उसके चाचा ने भरी और घर चलाने में भी मदद की। हालाँकि, हमें संदेह था कि वालकुंडे अपनी जीवनशैली बेहतर तरीके से जीना चाहता था और पॉकेट मनी के लिए उसने सेंधमारी करने का फैसला किया। अपराध शाखा के एक अधिकारी ने आगे कहा कि उसने बेलापुर में कुछ फोन भी बेचे।