Maharashtra: फ्रांसीसी कंपनी ने MMRDA पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, एकनाथ शिंदे ने मांगी रिपोर्ट
फ्रांसीसी इंजीनियरिंग कंपनी सिस्ट्रा ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। यह कंपनी मुंबई में मेट्रो निर्माण की रूप रेखा तैयार करती है। मामले में सिस्ट्रा की ओर से फ्रांसीसी दूतावास को पत्र लिखकर राजनयिक दखल की मांग की गई है। कोर्ट ने एमएमआरडीए की अनुबंध समाप्ति नोटिस को रद कर दिया है।

पीटीआई, मुंबई। मुंबई में मेट्रो निर्माण की रूपरेखा तैयार करने और उसकी देखरेख करने वाली फ्रांसीसी इंजीनियरिंग कंपनी सिस्ट्रा ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
सिस्ट्रा की ओर से फ्रांसीसी दूतावास को पत्र लिखकर राजनयिक दखल की मांग की। इसके बाद ही यह प्रकरण सामने आया। इस बीच, एमएमआरडीए ने सिस्ट्रा की भारतीय साझीदार कंपनी को नोटिस देकर उसका अनुबंध रद कर दिया। इसके खिलाफ कंपनी कोर्ट पहुंची और हाई कोर्ट ने एमएमआरडीए की अनुबंध समाप्ति नोटिस को रद कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि 12 नवंबर, 2024 को फ्रांसीसी दूतावास ने दिल्ली स्थित महाराष्ट्र के रेजिडेंट कमिश्नर रूपिंदर सिंह को एक पत्र लिखा था। पत्र में कंपनी ने अधिकारियों पर अनुचित लाभ मांगने, भुगतान में देरी करने, ठेकेदारों को ऑर्डर बढ़ाने के लिए दबाव डालने, प्रमुख कर्मचारियों के लिए मंजूरी रोकने और मनमाने (आर्थिक) दंड लगाने का आरोप लगाया है। कंपनी ने इस मामले में राजनयिक हस्तक्षेप की मांग की। इसमें सरकार से इस मुद्दे का गहराई से अध्ययन करने और स्थिति को हल करने का अनुरोध किया गया था।
एमएमआरडीए ने आरोपों को बताया निराधार
- एमएमआरडीए ने खुद पर लग रहे आरोपों को निराधार और उसके कर्मियों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास बताया है। दूसरी ओर, मंगलवार को बांबे हाई कोर्ट ने एमएमआरडीए द्वारा सिस्ट्रा को जारी किए गए अनुबंध समाप्ति नोटिस को रद कर दिया।
- कोर्ट ने कहा कि अनुबंध समाप्ति का निर्णय मनमाना और अनुचित था और राज्य द्वारा संचालित एजेंसी को कंपनी की सुनवाई के बाद इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार करने का निर्देश दिया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को शहरी विकास विभाग के एक शीर्ष अधिकारी को आरोपों की जांच करने के लिए कहा है।
- उन्होंने कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (यूडी-1) असीम कुमार गुप्ता को कंपनी के अधिकारियों और एमएमआरडीए के अधिकारियों की सुनवाई के बाद मामले का निरीक्षण करने के लिए कहा गया है। उन्हें 15 दिनों में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
पूरे मामले में कोर्ट में भी हुई सुनवाई
बहरहाल, मंगलवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस आरिफ डाक्टर की पीठ ने कहा कि एमएमआरडीए ने 3 जनवरी, 2025 को सिस्ट्रा एमवीए कंसल्टिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं बंद करते समय इसके कारण नहीं बताए। दूतावास द्वारा महाराष्ट्र सरकार को भेजी गई सिस्ट्रा की शिकायत के अनुसार अगस्त, 2023 में एमएमआरडीए के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के बदले जाने के बाद उत्पीड़न शुरू हुआ। उन्होंने कंपनी को तलब किया और इस बहाने से मौद्रिक फायदे के रूप में अनुचित लाभ मांगा कि एमएमआरडीए इसकी मांग कर रहा है।
आरोपों से बढ़ सकती हैं एकनाथ शिंदे की मुश्किलें
फ्रांसीसी कंपनी सिस्ट्रा की शिकायत के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। तीनों प्रमुख विपक्षी दलों ने शिंदे पर निशाना साधना शुरू कर दिया है क्योंकि एमएमआरडीए का प्रभार पिछली तीन सरकारों से शिंदे के पास ही रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि शिकायत उनके पास नहीं पहुंची है, लेकिन वे मुख्य सचिव सुजाता सौनिक से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता हमारे प्रशासन का मूल है। हम इसे किसी भी कीमत पर बहाल करना सुनिश्चित करेंगे।
आदित्य ठाकरे ने लगाए आरोप
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि सीधे (वह शिंदे को यही संबोधन देते हैं) कार्यकाल के घोटाले सामने आ रहे हैं। हम 2022 से ही ये मामले उठाते आ रहे हैं। मैंने पहले भी कहा है, और अब फिर कह रहा हूं कि एकनाथ शिंदे सीएम-करप्ट मंत्री (भ्रष्ट मंत्री) थे। मुख्यमंत्री आरोपों की निष्पक्ष जांच कराएं। इस भ्रष्टाचार के स्त्रोत का पता लगना ही चाहिए। राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने भी एक्स पोस्ट पर सवाल किया है कि दलालों की मदद करने के लिए विश्व स्तर पर महाराष्ट्र की बदनामी करने से निवेश आएगा क्या?
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