Mumbai: मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर लगेगी रोक, लोगों में संक्रमण का खतरा
मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगेगी। इसके लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को निर्देश दिया जाएगा। कबूतरों के कारण आसपास रहने वाले निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं का हवाला देते हुए महाराष्ट्र सरकार बीएमसी को मुंबई में कबूतरों को दाना डालने की सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश देगी। दरअसल कबूतर जहां-तहां बीट (ड्रॉपिंग) करते हैं। बीट में बैक्टीरिया होता है।

मिडडे, मुंबई। मुंबई में कबूतरों को दाना डालने पर रोक लगेगी। इसके लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को निर्देश दिया जाएगा। कबूतरों के कारण आसपास रहने वाले निवासियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य चिंताओं का हवाला देते हुए महाराष्ट्र सरकार बीएमसी को मुंबई में कबूतरों को दाना डालने की सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश देगी।
इन इलाकों में कबूतरों को डाला जाता है दाना
मुंबई के मरीन ड्राइव, दादर, अंधेरी, वर्ली और बोरीवली मुंबई में कबूतरों को दाना डालने के कुछ प्रमुख स्थान हैं। दरअसल कबूतर जहां-तहां बीट (ड्रॉपिंग) करते हैं। बीट में बैक्टीरिया होता है। यह हवा के माध्यम से मनुष्यों के फेफड़ों तक पहुंच जाता है। इससे संक्रमण हो जाता है।
देश के कई शहरों में यह समस्या बढ़ रही
देश के कई शहरों में यह समस्या बढ़ रही है। महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने गुरुवार को राज्य विधान परिषद के सदस्यों को बताया कि मुंबई में 51 जगहों पर कबूतरों को दाना डाला जा रहा है।
उन्होंने कहा, हम तुरंत बीएमसी से उन सभी स्थानों को बंद करने के लिए कहेंगे, जहां कबूतरों को दाना डाला जाता है। मंत्री ने यह घोषणा प्रश्नकाल में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए की।
जागरूक अभियान होगा शुरू
मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कबूतरों को दाना खिलाने से जुड़े खतरों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान शुरू करेगी। इस मुद्दे पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे खेमे) विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) मनीषा कायंडे ने सवाल किया था।
कबूतरों की बीट और पंखों से हो सकता है संक्रमण
शिवसेना एमएलसी ने कई रिपोर्टों का हवाला दिया, जिससे पता उयलता है कि कबूतरों की बीट और पंखों के संपर्क में आने से अस्थमा और फेफड़ों में संक्रमण जैसी श्वसन संबंधी बीमारियां होती हैं। विधान परिषद सदस्य चित्रा वाघ ने कहा, कबूतरों को दाना खिलाना नागरिकों के लिए बड़ी समस्या है। इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।


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