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    महाराष्ट्र के अहमदनगर में रोकी गई प्याज की नीलामी, आखिर केंद्र सरकार से क्यों खफा हैं किसान?

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sun, 20 Aug 2023 04:02 PM (IST)

    40 percent duty on export of onion महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में किसानों ने प्याज के निर्यात पर 40 प्रतिशत शुल्क लगाने के केंद्र के फैसले के विरोध में रविवार को प्याज की नीलामी रोक दी। बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने शनिवार को प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर 2023 तक 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है।

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    केंद्रीय सरकार द्वारा प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क बढ़ाने के फैसले पर महाराष्ट्र के किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन।

    मुंबई, पीटीआई। केंद्रीय सरकार ने प्याज पर 40 फीसदी निर्यात शुल्क (40 percent duty on export of onion) लगा दिया है। सरकार ने इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू करना का आदेश दिया है। हालांकि, सरकार का यह फैसला महाराष्ट्र के कई किसानों को रास नहीं आ रहा है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में किसानों ने केंद्र के फैसले के विरोध में रविवार को प्याज की नीलामी रोक दी।

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    अहमदनगर जिले की राहुरी तहसील में प्याज उत्पादकों (किसानों) ने थोक बाजार में प्याज की चल रही नीलामी रोक दी। राहुरी तहसील में किसानों के एक समूह ने थोक बाजार में प्याज की नीलामी रोक दी। बढ़ती कीमतों के संकेतों के बीच घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने शनिवार को प्याज के निर्यात पर 31 दिसंबर, 2023 तक 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है ।

    सरकार के फैसले से घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएंगी:  संदीप जगताप

    स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के राज्य अध्यक्ष संदीप जगताप ने कहा," महाराष्ट्र में किसान प्याज के निर्यात से अच्छे रिटर्न की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन सरकार के फैसले से घरेलू बाजार में कीमतें गिर जाएगी और किसानों को नुकसान होगा।"

     राज्य भर के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा:  संदीप जगताप

    संदीप जगताप ने सरकार पर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में अपर्याप्त बारिश हुई है और इससे बाजार में ताजा प्याज की आवक में देरी होगी। जगताप ने कहा, "केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए राज्य भर के थोक बाजारों में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।"

    राहुरी में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने कहा,“केंद्र को हमारी परेशानियों पर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि निर्यात शुल्क ने व्यापारियों को एक संदेश भेजा है कि सभी उपलब्ध प्याज केवल घरेलू बाजारों में ही बेचे जाएंगे। व्यापारियों ने अब हमारी उपज के लिए कम कीमत बतानी शुरू कर दी है।"

    सरकार के फैसले से बाजार में प्याज की घटी कीमत

    एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार, लासलगांव एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी के सूत्रों के मुताबिक, पिछले हफ्ते रसोई के मुख्य प्याज की कीमतों में लगभग 45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।

    लासलगांव एपीएमसी के एक व्यापारी ने कहा,"दो सप्ताह पहले प्याज 1,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बेचा जा रहा था और केवल एक सप्ताह में यह बढ़कर 2,200 रुपये हो गया। अब दरें कम होने लगी हैं, क्योंकि निर्यात लगभग असंभव हो गया है।