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    यात्रियों के लिए खुशखबरी, नवी मुंबई में चलेगी बुलेट ट्रेन; 394 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई हुई पूरी

    Updated: Mon, 27 May 2024 02:15 PM (IST)

    मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए नवी मुंबई में 394 मीटर लंबी सुरंग के लिए खुदाई का काम पूरा हो गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल)ने ये जानकारी दी है। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक घनसोली में एक मध्यवर्ती सुरंग (एडीआईटी) के पूरा होने से महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किमी लंबी सुरंग के काम में तेजी आएगी।

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    394 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई हुई पूरी

    पीटीआई, मुंबई। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए नवी मुंबई में 394 मीटर लंबी सुरंग के लिए खुदाई का काम पूरा हो गया है। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल)ने ये जानकारी दी है। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, घनसोली में एक मध्यवर्ती सुरंग (एडीआईटी) के पूरा होने से महाराष्ट्र में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा के बीच 21 किमी लंबी सुरंग के काम में भी तेजी आएगी।

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    एनएचएसआरसीएल से मिली जानकारी के मुताबिक, एडीआईटी के लिए खुदाई का काम 6 दिसंबर 2023 में शुरू हुआ और 6 महीने में 394 मीटर लंबी खुदाई की गई।

    निकासी में भी मदद करेगी सुरंग

    बताया जा रहा है, 26 मीटर गहरी झुकी हुई एडीआईटी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) के जरिए लगभग 3.3 किमी लंबी सुरंग बनाने में मदद करेगी,जिससे प्रत्येक तरफ लगभग 1.6 मीटर तक सुरंग बनाने की सुविधा मिल सकेगी। वहीं बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में 21 किमी सुरंग में से 16 किमी की खुदाई टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग करके की जाएगी, जबकि बाकी बचे 5 किमी के हिस्से के लिए एनएटीएम का उपयोग किया जाएगा।

    ऐसी सुरंग का इस्तेमाल आपात स्थिति में निकासी के लिए भी किया जा सकता है। इस सुरंग का लगभग 7 किमी हिस्सा ठाणे क्रीक (इंटरटाइडल ज़ोन) में समुद्र के नीचे होगा।

    16 किमी लंबी सुरंग बनाने में मिलेगी मदद

    बता दें कि घनसोली के पास बीकेसी,विक्रोली और सावली में तीन शाफ्ट बनने की राह पर हैं,और ये टीबीएम के माध्यम से 16 किमी लंबी सुरंग बनाने में मदद करेंगे।

    मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए कुल 1.08 लाख करोड़ की लागत लगेगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार को एनएचएसआरसीएल को 10,000 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। इसके अलावा दो राज्य, गुजरात और महाराष्ट्र को 5,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। वहीं बाकी का फंड जापान की तरफ से 0.1 प्रतिशत ब्याज पर किया जाएगा।

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