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    Jet Airways के संस्थापक नरेश गोयल के परिसरों की ED ने ली तलाशी, 538 करोड़ की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है मामला

    By AgencyEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Thu, 20 Jul 2023 12:06 AM (IST)

    प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की जा रही इस जांच में केंद्रीय एजेंसी ने नरेश गोयल के मुंबई एवं कुछ अन्य स्थानों पर स्थित छह-सात परिसरों की तलाशी ली। मनी लांड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है और जेट एयरवेज नरेश गोयल व कंपनी के कुछ पूर्व एक्जीक्यूटिव्स के विरुद्ध सीबीआइ द्वारा दर्ज हालिया एफआइआर पर आधारित है।

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    मुंबई एवं कुछ अन्य स्थानों पर छह-सात परिसरों की हुई तलाशी।

    मुंबई, पीटीआई। जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल और अन्य के विरुद्ध मनी लांड्रिंग की नई जांच के सिलसिले में ईडी ने बुधवार को उनके परिसरों की तलाशी ली। प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की जा रही इस जांच में केंद्रीय एजेंसी ने उनके मुंबई एवं कुछ अन्य स्थानों पर स्थित छह-सात परिसरों की तलाशी ली।

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    बांबे हाई कोर्ट ने रद कर दिया था मनी लांड्रिंग का मामला

    मनी लांड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक के साथ 538 करोड़ की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है और जेट एयरवेज, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता व कंपनी के कुछ पूर्व एक्जीक्यूटिव्स के विरुद्ध सीबीआइ द्वारा दर्ज हालिया एफआइआर पर आधारित है। फरवरी में बांबे हाई कोर्ट ने अकबर ट्रैवल्स की शिकायत पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस की एफआइआर के आधार पर गोयल और उनकी पत्नी के विरुद्ध ईडी द्वारा दर्ज मनी लांड्रिंग मामले को रद कर दिया था।

    जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ ने 20 फरवरी, 2020 को दर्ज ईसीआइआर और गोयल परिवार के विरुद्ध सभी कार्यवाहियों को अवैध व कानून विरुद्ध होने के आधार पर रद कर दिया था। अदालत का आदेश पुलिस द्वारा क्लोजर रिपोर्ट दायर करने के बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें शिकायत में कोई तथ्य नहीं मिला और विवाद दीवानी प्रकृति का प्रतीत होता है। चूंकि ईडी का मामला पुलिस की एफआइआर पर आधारित था इसलिए अदालत ने उसे रद कर दिया था।

    केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज हुई थी FIR

    सीबीआइ की एफआइआर केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड (जेआइएल) को 848.86 करोड़ रुपये के ऋण मंजूर किए थे, जिसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं। जेट एयरवेज तब से बंद है और सीबीआइ ने कहा कि उसके अकाउंट को 29 जुलाई, 2021 को ''धोखाधड़ी'' घोषित कर दिया गया था।

    बैंक ने आरोप लगाया कि जेआइएल के फोरेंसिक आडिट से पता चला कि उसने कुल खर्चों में से संबंधित कंपनियों को 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया। यही नहीं, गोयल परिवार के व्यक्तिगत खर्च जैसे कर्मचारियों का वेतन, फोन बिल और वाहन खर्च का भुगतान जेआइएल द्वारा किया गया था।

    शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि जेआइएल ने अपनी सहायक कंपनी जेएलएल के लिए ऋण, अग्रिम और निवेश के रूप में धन का दुरुपयोग किया।