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Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की जमानत याचिका पर आज आ सकता है फैसला

Money Laundering Case भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम (Gangster Dawood Ibrahim) और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) की जमानत याचिका पर आज फैसला आ सकता है।

By AgencyEdited By: Babita KashyapPublished: Wed, 30 Nov 2022 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 30 Nov 2022 04:19 PM (IST)
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की जमानत याचिका पर अदालत आज फैसला सुना सकती है।

मुंबई, एजेंसी। Money Laundering Case: विशेष अदालत के न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की याचिका खारिज कर उनको जमानत देने से इनकार कर दिया।

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दोनों पक्षों की लंबी दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने 14 नवंबर को मलिक की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इस साल फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था। वह न्यायिक हिरासत में है और फिलहाल यहां एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

राकांपा नेता ने मनी लॉन्ड्रिंग के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए उनके खिलाफ कोई अपराध नहीं होने की दलील देते हुए जमानत मांगी थी। जांच एजेंसी ने, हालांकि, दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज मामले को एक विधेय अपराध मानते हुए जमानत का विरोध किया।

नवाब मलिक की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित

अदालत ने कहा था कि अपना आदेश 24 नवंबर को सुनाएगी। हालांकि, उस दिन अदालत ने यह कहते हुए मामले को 30 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया कि आदेश तैयार नहीं था।

मलिक ने जुलाई में दायर की थी याचिका 

प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने इस साल फरवरी में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता को गिरफ्तार किया था।

वह न्यायिक हिरासत में है और फिलहाल यहां एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। नवाब मलिक ने जुलाई में विशेष अदालत के समक्ष नियमित जमानत याचिका दायर की थी।

एनसीपी नेता ने यह कहते हुए जमानत मांगी कि धन शोधन के लिए उन पर मुकदमा चलाने के लिए उनके खिलाफ कोई विधेय अपराध नहीं है। वहीं इडी ने दावा किया है कि आरोपित दाऊद इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ काम कर रहा था और "उसके निर्दोष होने का कोई सवाल ही नहीं है।"

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