फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का उपयोग कर 2 करोड़ का जीवन बीमा किया दावा, ठगने के प्रयास का लगा आरोप; तीन गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त (जोन V) मनोज पाटिल ने कहा कि लेकिन एलआईसी अधिकारियों को संदेह हुआ और पता चला कि उनका बेटा वास्तव में जीवित था और मृत्यु प्रमाण पत्र नकली था। तब बीमा अधिकारी सख्ते में आ गए। एलआईसी ने फरवरी में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।

मुंबई, पीटीआई। बुधवार को मुंबई पुलिस ने फर्जीवाड़ों का पर्दाफाश किया। पुलिस ने कहा कि तीन लोगों ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि आरोपियों को भारतीय जीवन बीमा निगम को ठगने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने दी जानकारी
शिवाजी पार्क पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि एक महिला ने खुद को गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक की मां बताकर अप्रैल 2015 में उसके नाम से पॉलिसी ली थी। वहीं मार्च 2017 में, उसने 2 करोड़ रुपये की बीमा राशि का दावा करते हुए एक आवेदन दायर किया, जिसमें कहा गया कि उसके बेटे की दिसंबर 2016 में पुणे में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई।
एलआईसी अधिकारियों को हुआ संदेह
पुलिस उपायुक्त (जोन V) मनोज पाटिल ने कहा कि लेकिन एलआईसी अधिकारियों को संदेह हुआ और पता चला कि उनका 'बेटा' वास्तव में जीवित था और मृत्यु प्रमाण पत्र नकली था। तब बीमा अधिकारी सख्ते में आ गए। एलआईसी ने फरवरी में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
जांच में यह बात आई सामने
जांच से पता चला कि महिला और उसके कथित बेटे (अब गिरफ्तार अभियुक्तों में से एक) ने 2015 में आय को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और 8 करोड़ रुपये का पॉलिसी कवर मांगा, लेकिन एलआईसी की दादर शाखा ने उन्हें 2 करोड़ रुपये की पॉलिसी जारी कर दी।
डीसीपी पाटिल ने कहा, 'हमने भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत धोखाधड़ी, जालसाजी और अन्य प्रासंगिक अपराधों के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हम महिला के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं और अधिक गिरफ्तारियां होने की संभावना है।'
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