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    Maharashtra Rain: महाराष्ट्र के 6 से ज्यादा जिलों में बारिश से तबाही, भारी बारिश से डूबा चिपलूण शहर

    By Sachin Kumar MishraEdited By:
    Updated: Fri, 23 Jul 2021 07:30 AM (IST)

    Maharashtra Rain कोंकण क्षेत्र व पश्चिम महाराष्ट्र में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश पूरा कोंकण जलमय हो गया है। विशेषकर कोकण का चिपलूण ...और पढ़ें

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    कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र में भारी बारिश से डूबा चिपलूण शहर। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के तटवर्ती कोंकण क्षेत्र व पश्चिम महाराष्ट्र में बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक हुई भारी बारिश पूरा कोकण जलमय हो गया है। विशेषकर कोंकण का चिपलूण शहर लगभग डूब सा गया है। इस शहर के 5000 से अधिक लोग बाढ़ में फंसे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के अलावा कोस्ट गार्ड की भी मदद ली जा रही है। नौसेना को तैयार रहने के लिए कहा गया है।बीती रात समुद्र तट से लगे कोकण क्षेत्र, पश्चिम महाराष्ट्र का कोल्हापुर, पुणे, मुंबई के निकट कल्याण, पालघर व नासिक आदि क्षेत्रों में भारी बारिश हुई। पुणे व कोकण के बीच स्थित पहाड़ी पर्यटन केंद्र महाबलेश्वर में 480 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिसके कारण कोल्हापुर की पंचगंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है।

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    यही स्थिति कोकण के चिपलूण शहर में हुई, जहां वाशिष्ठी नदी का जलस्तर काफी बढ़ जाने के कारण पूरे शहर में पानी कई इलाकों में घरों की पहली मंजिल तक को डुबा गया। बाढ़ की भयावहता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि चिपलूण के बस अड्डे पर खड़ी राज्य परिवहन की बसों की सिर्फ छत पानी के ऊपर नजर आ रही थी। कई कारें व हल्के वाहन वाशिष्ठी नदी के बहाव की दिशा में बहते दिखाई दे रहे थे।

    बाढ़ के पानी से चिपलूण कस्बे से पास से गुजरने वाला मुंबई-गोवा हाइवे भी डूब गया। जिसके कारण हाइवे पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। कोंकण का व्यावसायिक केंद्र माना जाने वाला चिपलूण शहर वास्तव में चारों ओर ऊंची पहाड़ियों से घिरा है। इसलिए इसकी भौगोलिक स्थित एक कटोरे जैसी बन जाती है। जहां जलभराव होने के बाद शहर से पानी निकासी का एकमात्र मार्ग वाशिष्ठी नदी ही बचती है। जबकि चारों ओर की पहाड़ियों से बारिश का पानी चिपलूण शहर की ओर ही आता है।

    बुधवार रात से गुरुवार सुबह तक 480 मिमी बारिश रिकार्ड करने वाले महाबलेश्वर से भी चिपलूण की सीधी दूरी सिर्फ 46 किमी है। जिसका असर न सिर्फ चिपलूण बल्कि कोकण व रायगढ़ के अन्य क्षेत्रों में भी देखा गया। इन सभी क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।

    शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कोस्टगार्ड व नौसेना की भी मदद लेने की अपील की है। भारी बारिश के असर मुंबई के निकट कल्याण, पालघर व उत्तर महाराष्ट्र के नासिक में भी देखा जा रहा है। बारिश के कारण इस पूरे क्षेत्र में कई जगह पहाड़ों पर भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं। पटरियों पर पानी भर जाने के कारण मध्य रेलवे की लंबी दूरी की कई ट्रेनें रद की जा चुकी हैं।