Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    BrahMos Missiles: अब से ब्रह्मोस मिसाइलें होंगी नौसेना का प्रमुख शस्त्र, मेड इन इंडिया हथियार की गजब है रेंज

    भारतीय नौसेना के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ( BrahMos missiles ) को एक मुख्य या प्रथम हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। नौसेना प्रमुख ने महाराष्ट्र के एमएसएमई डिफेंस एक्सपो में सोमवार को बताया कि सतह से सतह वार करने के लिए ब्रह्मोस हमारा प्राथमिक हथियार होगा। संभवत वायुसेना और वायुसैनिकों के पास प्राथमिक हथियार के रूप में हवा से सतह पर वार करने वाला हथियार होगा।

    By Agency Edited By: Nidhi Avinash Updated: Mon, 26 Feb 2024 06:11 PM (IST)
    Hero Image
    अब से ब्रह्मोस मिसाइलें होंगी नौसेना का प्रमुख शस्त्र (Image: ANI)

    एएनआइ, पुणे। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर.हरि कुमार ने कहा कि नौसेना से पहले से दूसरे देशों से हासिल की गई सभी पुरानी मिसाइल प्रणालियों को हटा दिया जाएगा। अब हम भारतीय नौसेना के लिए ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को एक मुख्य या प्रथम हथियार के तौर पर इस्तेमाल करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नौसेना प्रमुख ने महाराष्ट्र के एमएसएमई डिफेंस एक्सपो में सोमवार को बताया कि सतह से सतह वार करने के लिए ब्रह्मोस हमारा प्राथमिक हथियार होगा। संभवत: वायुसेना और वायुसैनिकों के पास प्राथमिक हथियार के रूप में हवा से सतह पर वार करने वाला हथियार होगा।

    भारत निर्मित है ब्रह्मोस

    इसके स्वरूप में आवश्यकतानुसार रेंज, क्षमता, घातकता के आधार पर बदलाव किए गए हैं। इसलिए यह स्वदेशी हथियार प्रणाली कुछ समय के लिए नौसेना का प्रमुख हथियार रहेगी। इसी के साथ हम ब्रह्मोस को इंस्टाल कर रहे हैं। हमारे पास वह विशेषज्ञता है कि हम इसे बहुत ही कम समय में स्थापित कर लेंगे। ब्रह्मोस भारत निर्मित है इसलिए यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद है। यह बहुत सक्षम मिसाइल है और समय-समय पर और बेहतर होती जा रही है।

    किसी और पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं

    चूंकि यह भारत में बनी है इसलिए हमें किसी और पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है। इसकी मरम्मत हो सकती है और इसके अव्यय भी उपलब्ध हैं। ध्यान रहे कि नौसेना प्रमुख ने यह बात तब कही है जब कैबिनेट कमेटी ने 19 हजार करोड़ रुपये के 200 से अधिक ब्रह्मोस मिसाइलों के सौदे को मंजूरी दे दी है और इस पर आगामी पांच मार्च को दस्तखत होने हैं।

    सागर से आएगी समृद्धि और उन्नति

    एडमिरल आर.हरि कुमार ने कहा कि भविष्य में समुद्र से ही उन्नति और समृद्धि आएगी। इसलिए बहुत जरूरी है कि सागरों और महासागर को सुरक्षित, स्थिर रखने और रक्षा करने की जरूरत है। 88 प्रतिशतों देशों के तेल आयात समुद्र के रास्ते ही होते हैं। इन रास्तों के करीब ही विशिष्ट आर्थिक जोन भी बनते हैं जो प्राय: 20 लाख वर्ग किमी तक होते हैं। इन क्षेत्रों में प्रचुर मात्रा में जलीय संसाधन और संपदा होती है। अर्थव्यवस्था के लिए इन क्षेत्रों के इर्द-गिर्द सागरों और महासागरों का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

    हमारा देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, इसलिए भविष्य में समुद्र के रास्ते विकास और समृद्धि के द्वार खुलेंगे। इसके लिए हमारी कुंजी आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा उद्योग की है। फिलहाल भारतीय नौसेना के पास 130 से अधिक जहाज और 250 युद्धक विमान हैं। वर्ष 2035 तक 175 जहाज और 400 विमान होने की उम्मीद है।

    यह भी पढ़ें: Maratha Quota: 'सरकार नहीं मानी तो आगे भी जारी रखेंगे आंदोलन', मनोज जारांगे ने वापस ली भूख हड़ताल

    यह भी पढ़ें:  Mumbai News: मीरा रोड पर क्यों उतरे हजारों की तादाद में हिन्दू, T Raja Singh की अगुवाई में निकाली गई विशाल रैली