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    Dangerous Dog: कुत्तों की 23 नस्लों पर बैन मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब, 24 जून तक दिया समय

    Updated: Thu, 25 Apr 2024 10:30 PM (IST)

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को खूंखार कुत्तों की 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने जवाब के लिए 24 जून तक का समय दिया है। पशुपालन मंत्रालय ने नोटिस जारी कर राज्यों से लोगों के लिए खतरनाक कुत्तों की नस्लों की बिक्री प्रजनन और लाइसेंस नहीं देने का आदेश दिया था।

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    आदेश के खिलाफ कई अन्य हाई कोर्ट में भी पीआईएल दाखिल। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को खूंखार कुत्तों की 23 नस्लों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा। अदालत ने जवाब के लिए 24 जून तक का समय दिया है।

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    गत 12 मार्च को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने परिपत्र जारी कर राज्यों से मानव जीवन के लिए खतरनाक कुत्तों की नस्लों की बिक्री, प्रजनन और उन्हें रखने की अनुमति अथवा लाइसेंस नहीं देने का आदेश दिया था।

    आदेश के खिलाफ कई अन्य हाई कोर्ट में भी पीआईएल दाखिल

    इस आदेश के खिलाफ कई अन्य हाई कोर्ट में भी पीआईएल दाखिल की जा चुकी हैं पुणे की एक एनजीओ द्वारा दाखिल पीआईएल पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस आरिफ की खंडपीठ ने केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर दिया।

    खंडपीठ से आदेश पर अंतरित रोक लगाने की मांग

    याचिकाकर्ता ने खंडपीठ से आदेश पर अंतरित रोक लगाने की मांग की। कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा आदेश पर पहले ही आंशिक रोक लगाने की बात को ध्यान में रखते हुए पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र में इस आदेश के आधार पर कोई अधिकारी आगामी आदेश नहीं देगा। हम पहले यह जानना चाहते हैं कि केंद्र सरकार क्या कहती है?

    पीआईएल में किया गया दावा

    पीआईएल में दावा किया गया है कि कुत्तों की विभिन्न 23 नस्लों पर प्रतिबंध का आदेश सभी हितधारकों से बिना सुझाव लिए लगाया गया है। यह आदेश नस्लों की क्रूरता के किसी भी वैज्ञानिक प्रमाण के बिना गैर-तथ्यात्मक है और कुत्ते के काटने की कुछ घटनाओं पर आधारित है।

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