Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विद्यार्थियों में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर बॉम्बे HC ने जताई चिंता, अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने का दिया निर्देश

    By Agency Edited By: Sonu Gupta
    Updated: Tue, 30 Jul 2024 09:10 PM (IST)

    बॉम्बे हाई कोर्ट ने उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों द्वारा खुदकुशी करने की बढ़ती घटनाओं को चिंताजनक बताते हुए अधिकारियों से तत्काल कदम उठाने को कहा। कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति चिंताजनक है और सभी संबंधित पक्षों द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को याचिका में प्रतिवादी बनाए क्योंकि कई कॉलेज अब स्वायत्त हो रहे हैं।

    Hero Image
    उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ रहे विद्यार्थियों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ना चिंताजनक : उच्च न्यायालय। फाइल फोटो।

    पीटीआई, मुंबई। बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों द्वारा खुदकुशी करने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है। कोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों से तत्काल कदम उठाने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की खंडपीठ ने यह भी कहा कि एक विद्यार्थी के लिए मानसिक और शारीरिक तंदरुस्ती बेहद जरूरी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोर्ट ने आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर जताई चिंता

    हाई कोर्ट बाल अधिकार कार्यकर्ता शोभा पंचमुख द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। उन्होंने विद्यार्थियों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। याचिका में कोर्ट से मुंबई विश्वविद्यालय को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि विश्वविद्यालय सभी संबद्ध/सहयोगी कॉलेजों को एक परिपत्र जारी कर छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए परामर्शदाताओं की नियुक्ति करे।

    पीठ ने क्या कहा?

    पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति चिंताजनक है और सभी संबंधित पक्षों द्वारा तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्वस्थ माहौल को बढ़ावा देने तथा छात्रों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय कानूनी रूप से बाध्य है। अदालत ने कहा कि हमारी राय में, विश्वविद्यालय का यह कर्तव्य है कि वह कॉलेज और संस्थानों में ऐसा माहौल बनाने के लिए कदम उठाए, जहां आत्महत्या की घटनाएं न हों।

    तीन हफ्ते में दाखिल करना होगा हलफनामा

    कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को याचिका में प्रतिवादी बनाए, क्योंकि कई कॉलेज अब स्वायत्त हो रहे हैं। उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार, मुंबई विश्वविद्यालय और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को तीन हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा।

    यह भी पढ़ेंः

    जिनकी जाति का कुछ पता नहीं, वे भी जातिगत जनगणना की बात करते हैं; अनुराग ने कसा तंज तो आग बबूला हुए राहुल गांधी