महाराष्ट्र नगर परिषद–नगर पंचायत चुनावों में भाजपा का दबदबा, 129 नगर अध्यक्ष जीताकर फिर साबित की ताकत
महाराष्ट्र नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। इन चुनावों में भाजपा ने अपना दबदबा कायम रखा जबकि शिवसेना (यूबीटी) पां ...और पढ़ें

महाराष्ट्र नगर परिषद एवं नगर पंचायत चुनावों में भाजपा का डंका।
राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र में भाजपा ने 129 स्थानों पर अपने नगर अध्यक्ष जिताकर ताकत फिर सिद्ध की है। भाजपा के सहयोगी दलों में से शिवसेना के 57 एवं राकांपा के 37 नगर अध्यक्ष बन सकते हैं। विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी में कांग्रेस को 30 स्थानों पर अपने नगर अध्यक्ष जिताए हैं।
शिवसेना (यूबीटी) एवं राकांपा (शरदचंद्र पवार) के हिस्से में 10-10 नगर अध्यक्ष पद ही आते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे ‘टीम भाजपा’ की जीत बताया है। महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों के प्रथम चरण में रविवार को 246 नगर परिषद एवं 42 नगर पंचायतों के लिए चुनाव परिणाम घोषित हुए। नगर परिषद एवं नगर पंचायतों के चुनाव दो दिसंबर एवं 20 दिसंबर को हुए थे।
चुनाव नतीजों में भाजपा अपने सहयोगियों एवं विरोधियों से बहुत आगे दिखाई दे रही है। इससे जहां उसकी राज्यव्यापी ताकत बढ़ती दिख रही है, वहीं मुख्यमंत्री फडणवीस के राजनीतिक कौशल पर भी फिर मुहर लग गई है। भाजपा के कुछ नगर अध्यक्ष तो शुरुआत में ही निर्विरोध चुनकर आ गए थे।
महाराष्ट्र नगर पंचायत व नगर परिषद के चुनाव में महायुति को प्रचंड समर्थन देने के लिए प्रदेश की जनता का आभार।
— Amit Shah (@AmitShah) December 21, 2025
यह विजय मोदी जी के नेतृत्व में NDA की केंद्र व राज्य सरकार के हर वर्ग के कल्याण के विजन पर जनता का आशीर्वाद है। इस जीत पर मुख्यमंत्री श्री @Dev_Fadnavis जी, उपमुख्यमंत्री…
पीछे रह गई कांग्रेस
भाजपा अपनी सहयोगी शिवसेना से दोगुने से ज्यादा एवं राकांपा से तीन गुने अधिक नगर अध्यक्षों को चुनवाकर लाने में सफल रही है, जबकि कांग्रेस बहुत पीछे रह गई है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) का तो लगभग सफाया ही हो गया है। इससे एक बार फिर उपमुख्यमंत्री शिंदे की शिवसेना का प्रभाव अधिक होने पर मुहर लग गई है।
दूसरे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी अपने चाचा शरद पवार को तगड़ी शिकस्त देने में सफल रहे हैं। उनकी पार्टी राकांपा का झंडा गृहनगर बारामती समेत 37 जगहों पर फहराया है। बारामती से लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी को हराकर चचेरी बहन सुप्रिया सुले सांसद बनी थीं।
एएनआइ के अनुसार पुणे में 17 स्थानीय निकायों के चुनाव हुए और महाविकास आघाड़ी अपना खाता भी नहीं खोल पाया। इन चुनाव परिणामों ने 15 जनवरी को होने जा रहे मुंबई, ठाणे समेत राज्य की 29 महानगरपालिकाओं में होने वाले चुनावों के संभावित परिणामों की बानगी भी पेश कर दी है।
मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पर ही शिवसेना (यूबीटी) की आखिरी उम्मीद टिकी है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीएमसी का चुनाव जीतने के लिए अपने चचेरे भाई राज ठाकरे से वर्षों से चली आ रही अनबन भी भुला दी है। बीएमसी पर शिवसेना (अविभाजित) का कब्जा करीब 30 साल से चला आ रहा है।
विपक्ष ने स्वीकारी हार, ईवीएम पर फोड़ा ठीकरा
प्रेट्र के अनुसार कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने नगरपालिका परिषदों और नगर पंचायतों के चुनावों में हार स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग पर सत्तारूढ़ महायुति की जीत में मदद करने का आरोप लगाया। विपक्ष ने पैसों की ताकत और ईवीएम पर भी हार का ठीकरा फोड़ा।
शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा, भाजपा ने मशीनों को उसी तरह सेट किया है जैसे विधानसभा चुनावों में हुआ था। पैसे की ओलावृष्टि थी और कोई भी इसका सामना नहीं कर सका। यह "शक्ति के आतंक" की जीत है।
Maharashtra stands firmly with development!
— Narendra Modi (@narendramodi) December 21, 2025
Grateful to the people of Maharashtra for blessing the BJP and Mahayuti in the Municipal Council and Nagar Panchayat elections. This reflects trust in our vision of people-centric development. We remain committed to working with… https://t.co/X5jmfpb3M8
129 नगर परिषदों में भाजपा के उम्मीदवार अध्यक्ष चुने गए हैं। स्थानीय निकायों में से 75 प्रतिशत में महायुति पार्टी के उम्मीदवार नगर अध्यक्ष चुने गए हैं। यह रिकार्ड जीत यह संगठन और सरकार दोनों का सामूहिक प्रयास है।
देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री
इन चुनावों में महायुति की भव्य जीत महज एक ट्रेलर है। महायुति आगामी नगर निगम चुनावों में भी यही प्रदर्शन दोहराएगी। लोगों ने तय कर लिया है कि असली शिवसेना कौन है।
एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

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