आलोचना को मानता हूं सर्टिफिकेट : राम नाईक
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का कहना है कि राज्यपाल के रूप में उनकी सक्रियता पर अक्सर लोग कटाक्ष करते हैं। हालांकि इस प्रकार होनेवाली आलोचना को वह सर्टिफिकेट मानते हैं।
मुंबई [ राज्य ब्यूरो ]। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का कहना है कि राज्यपाल के रूप में उनकी सक्रियता पर अक्सर लोग कटाक्ष करते हैं। हालांकि इस प्रकार होनेवाली आलोचना को वह सर्टिफिकेट मानते हैं।
नाईक रविवार को मुंबई में सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर मुंबई की 35 संस्थाओं ने मिलकर उनका सम्मान किया।
सम्मान समारोह में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार विïश्वनाथ सचदेव और उत्तर मुंबई संसदीय क्षेत्र के सांसद गोपाल शेट्टी के हाथों नाईक का सम्मान किया गया। नाईक स्वयं पांच बार संसद में इसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
नाईक ने समारोह में कहा कि राज्यपाल बनने के बाद से मैं संविधान के अनुसार काम करने एवं उत्तर प्रदेश सरकार से भी ऐसा करवाने की कोशिश कर रहा हूं। इस कारण कई घटनाएं ऐसी हुई हैं, जो पहले कभी नहीं हुई होंगी।
ऐसी कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल राज्य सरकार द्वारा उनके पास नौ लोगों के नाम विधान परिषद में नामित करने के लिए भेजे गए। उनमें से पांच नाम आपराधिक रिकॉर्ड वाले थे। सरकार द्वारा उन नामों को बदलने के बाद ही हमने उन्हें नामित करने की अनुमति प्रदान की। इसी प्रकार लोकायुक्त की नियुक्ति का मुद्दा उच्चतम न्यायालय तक जाने एवं लोकायुक्त द्वारा दोषी पाए गए 52 लोगों पर राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने की घटनाओं का भी नाईक ने जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में चार-चार साल तक दीक्षा समारोह आयोजित नहीं हो पाते थे। उनके प्रयासों से इस वर्ष 22 विश्वविद्यालयों में समय पर दीक्षा समारोह हुए, वह भी पारंपरिक भारतीय वेशभूषा में।
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