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    Aurangzeb Row: 'चाहे लोग पसंद करें या न करें, लेकिन...', औरंगजेब की कब्र को लेकर क्या बोले सीएम फडणवीस?

    Updated: Mon, 31 Mar 2025 10:25 PM (IST)

    सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि लोग मुगल बादशाह औरंगजेब को पसंद करें या नहीं उसकी कब्र संरक्षित स्मारक है। उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चाहे हम औरंगजेब को पसंद करें या नहीं उसकी कब्र एक संरक्षित स्मारक है। लेकिन हम किसी को भी उसका महिमामंडन करने की इजाजत नहीं देंगे। औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर आरएसएस ने भी प्रतिक्रिया दी।

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    हम औरंगजेब को पसंद करें या नहीं, उसकी कब्र एक संरक्षित स्मारक: देवेंद्र फडणवीस(फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि लोग मुगल बादशाह औरंगजेब को पसंद करें या नहीं, उसकी कब्र संरक्षित स्मारक है। लेकिन उसका महिमामंडन नहीं होने दिया जाएगा। नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए फडणवीस ने कहा कि ‘कानून के दायरे से बाहर’ की संरचनाओं को हटा दिया जाना चाहिए।

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    औरंगजेब की कब्र संरक्षित स्मारक है: फडणवीस

    उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चाहे हम औरंगजेब को पसंद करें या नहीं, उसकी कब्र एक संरक्षित स्मारक है। लेकिन हम किसी को भी उसका महिमामंडन करने की इजाजत नहीं देंगे। कुछ संगठन छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुलताबाद कस्बे में स्थित 17वीं सदी के मुगल शासक की कब्र को हटाने की मांग कर रहे हैं।

    पिछले पखवाड़े इस कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) द्वारा नागपुर में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयतें लिखी एक चादर जलाए जाने की अफवाह के कारण हिंसा भड़क उठी थी।

    औरंगजेब मामले पर आरएसएस ने क्या कहा?

    मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता सुरेश ‘भैयाजी’ जोशी ने सोमवार को कहा कि यह विषय अनावश्यक रूप से उठाया गया है। जोशी ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि जो भी व्यक्ति आस्था रखता है, वह महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में स्थित इस ढांचे के दर्शन करेगा।

    भैयाजी जोशी ने कहा कि हमारे पास छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श (रोल मॉडल) है, उन्होंने अफजल खान की कब्र बनवाई थी। यह भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है। कब्र बनी रहेगी। जो भी जाना चाहेगा, जाएगा। कुछ दिनों पहले रा.स्व.संघ के मुख्य प्रवक्ता सुनील आंबेकर ने 17वीं सदी के मुगल सम्राट औरंगजेब को अप्रासंगिक करार दिया था। यह पूछे जाने पर कि क्या औरंगजेब कब्र को स्थानांतरित किया जाना चाहिए, और क्या मुगल शासक आज भी प्रासंगिक है, उन्होंने जवाब दिया था कि नहीं, वब अब प्रासंगिक नहीं है।

    दूसरी ओर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा की और कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से ऐतिहासिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप पर आने वाली सूचनाओं पर निर्भर न रहने को कहा।

    ठाकरे ने कहा कि मुगल शासक शिवाजी नामक एक विचार को मारना चाहता था, लेकिन असफल रहा और महाराष्ट्र में उसकी मृत्यु हो गई। मनसे प्रमुख ने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना नहीं किया जा सकता था।

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