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    Mumbai: एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा ने चलाई वंदे भारत एक्सप्रेस, 1988 में बनी थीं ट्रेन ड्राइवर

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Mon, 13 Mar 2023 10:42 PM (IST)

    Mumbai वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन निर्धारित समय पर सोलापुर से चली और समय से पांच मिनट पहले सीएसएमटी पहुंच गई। नए जमाने की अत्याधुनिक सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन को चलाने का अवसर देने के लिए उन्होंने आभार जताया।

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    सुरेखा यादव वर्ष 1988 में एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं थी।

    मुंबई, मिडडे। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने सोमवार को सोलापुर से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाकर एक और उपलब्धि हासिल की। इसके लिए उन्होंने एक महीने तक प्रशिक्षण लिया। इस प्रक्रिया में सिग्नल का पालन करना, नए उपकरणों पर हाथ आजमाना, अन्य चालक दल के सदस्यों के साथ समन्वय, ट्रेन चलाने के लिए सभी मापदंडों का पालन करना शामिल है।

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    1988 में एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं थी सुरेखा

    ट्रेन के ड्राइवर को लोको पायलट कहते हैं। ट्रेन निर्धारित समय पर सोलापुर से चली और समय से पांच मिनट पहले सीएसएमटी पहुंच गई। नए जमाने की अत्याधुनिक सेमी हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन को चलाने का अवसर देने के लिए उन्होंने आभार जताया। महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव वर्ष 1988 में एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं। वह अब लोको पायलटों की प्रशिक्षक भी हैं। उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

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