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    15 सालों से देशभर के लोगों को बना रहा शिकार, नए-नए तरीकों से करता रहा फ्रॉड; आरोपी को तलाश रही पुलिस

    By Jagran NewsEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Thu, 23 Feb 2023 08:29 PM (IST)

    Fraud Case आईआईटी गांधीनगर से पढ़ने वाले एक व्यक्ति ने नए-नए तरीकों से धोखाधड़ी के कई मामलों को अंजाम दिया। ऐसे ही एक मामले में जेल जाने के बावजूद आरोपी नहीं रुका और जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से फ्रॉड करना शुरू कर दिया।

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    15 सालों से देशभर के लोगों को बना रहा शिकार, नए-नए तरीकों से करता रहा फ्रॉड

    मुंबई, फैजान खान (मिड डे)। दौड़ती भागती दुनिया में धोखाधड़ी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में कभी क्रेडिट कार्ड के नाम पर फ्रॉड हो रहा है, तो नई नौकरी देने के नाम पर। इसी तरह के एक से ज्यादा मामलों को अंजाम देने वाले अहमदाबाद के एक व्यक्ति के खिलाफ मुंबई की साइबर पुलिस ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया है।

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    आरोपी की पहचान आशीष रवींद्रनाथन के रूप में हुई है, जो अहमदाबाद का रहने वाला बताया जा रहा है। डायनर क्लब मामलों की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने बताया कि आशीष रवींद्रनाथन आदतन अपराधी है। साल 2009 में आईआईटी गांधीनगर में पढ़ते समय उसने पहला साइबर अपराध किया था। इसके बाद अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगने लगा।

    धोखाधड़ी मामले में पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी

    धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले को लेकर सीबीआई ने आशीष रवींद्रनाथन को गिरफ्तार किया था। दरअसल, आरोपी ने अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड की पेशकश कर लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया था। इसके अलावा अहमदाबाद पुलिस के हत्थे भी चढ़ चुका है। क्रेडिट कार्ड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव बनकर आरोपी ने कई लोगों को ठगा था।

    साइबर पुलिस के मुताबिक, साल 2009 में 19 साल की उम्र में अपनी अमेरिकी यात्रा के लिए पैसा जुटाने के उद्देश्य से लोगों को धोखा दिया था, लेकिन स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और उसके पास से 1.30 लाख रुपये बरामद किए थे। माना जा रहा है कि उस वक्त आरोपी ने क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के जरिए कई लोगों को निशाना बनाकर 10 लाख रुपये से ज्यादा की ठगी की थी।

    जमानत मिलने के बाद फिर शुरू की ठगी

    नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद पुलिस के मामलों में जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने अलग-अलग तरीकों से लोगों को ठगना शुरू कर दिया। साल 2011-12 में लोगों को फोन कर अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड की पेशकश करने लगा। उस वक्त यह नए तरीके का साइबर फ्रॉड था। उस वक्त उसने अमीरों को निशाना बनाया था और ऐसे ही एक मामला सीबीआई को स्थानांतरित किया गया। जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई।

    सूत्रों ने बताया कि डाइनर क्लबों की तरफ उसने अमीरों को निशाना बनाया। इस बार उसने पढ़े-लिखे लोगों की एक टीम बनाई, जो अच्छी अंग्रेजी बोलने में माहिर थे। अधिकारी ने बताया कि अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड धोखाधड़ी मामले में लोगों को ठगने के बाद वो एक सॉरी मैसेज भेजते थे, क्योंकि उसे लगता था कि ऐसा करने से अमीर लोग उनके खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करेंगे और यही रबैया उसने डाइनर क्लब धोखाधड़ी के दौरान भी जारी रखा।

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    35-40 लोगों के साथ की धोखाधड़ी

    पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने अब तक मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में 35-40 लोगों को निशाना बनाया और डायनर क्लब के माध्यम से 10-15 करोड़ रुपये की ठगी की। एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी ऐसे ही अन्य साइबर धोखाधड़ी मामलों में शामिल हो सकता है। हालांकि, आरोपी फरार है।

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    6 महीने से घर नहीं लौटा आरोपी

    पुलिस ने अहमदबाद में बड़े पैमाने पर तालाशी की, लेकिन उसकी ज्यादा जानकारी नहीं मिली। परिवार के सदस्यों और पत्नी से पूछताछ के बाद पता चला कि आरोपी छह महीने से घर नहीं आया है। हालांकि, आरोपी अलग-अलग समय पर परिजनों को पैसे भेजता है।

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