सीमा विवाद के बीच महाराष्ट्र सरकार ने कर्नाटक में 865 गांवों तक स्वास्थ्य योजना का किया विस्तार, आदेश जारी
महाराष्ट्र सरकार ने जारी सीमा विवाद के बीच कर्नाटक में 865 गांवों तक अपनी स्वास्थ्य योजना का विस्तार किया है। महाराष्ट्र की ओर से सोमवार को इस आशय का एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) भी जारी किया गया है।

मुंबई, पीटीआई। महाराष्ट्र सरकार ने दोनों राज्यों के बीच जारी सीमा विवाद के बीच पड़ोसी राज्य कर्नाटक के 865 गांवों को अपनी स्वास्थ्य सेवा योजना का लाभ देने का आदेश जारी किया है। महाराष्ट्र की ओर से सोमवार को इस आशय का एक सरकारी प्रस्ताव (जीआर) जारी किया गया।
आदेश में क्या कहा गया है?
आदेश में कहा गया कि जो लोग पहले से ही अंत्योदय खाद्य योजना (Antyodaya food scheme) के लाभार्थी हैं, प्राथमिकता समूह परिवार (राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत) और अन्नपूर्णा राशन कार्ड धारक महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना (Mahatma Jyotirao Phule Jan Arogya Yojana) के तहत स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
हर साल मिलेगा डेढ़ लाख तक का बीमा
आदेश के कहा गया है कि बेलगावी, कारवार, कलबुर्गी और बीदर की 12 तहसीलों के 865 गांवों को महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना के तहत शामिल किया गया है। जीआर में कहा गया है कि राज्य द्वारा चिन्हित 996 प्रकार के उपचारों के लिए वहां के परिवारों को हर साल 1.50 लाख रुपये तक का चिकित्सा बीमा मिलेगा। इसमें 34 विभिन्न प्रकार की विशेषज्ञ परामर्श भी शामिल हैं। आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कई अस्पतालों को मान्यता दी है जहां लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
क्या है सीमा विवाद?
सीमा विवाद का मुद्दा 1957 में भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद का है। महाराष्ट्र ने बेलगावी पर दावा किया, जो तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी का हिस्सा था, क्योंकि इसमें मराठी भाषी आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहता है। इसने 800 से अधिक मराठी भाषी गांवों पर भी दावा किया, जो वर्तमान में दक्षिणी राज्य का हिस्सा हैं। कर्नाटक, हालांकि, राज्य पुनर्गठन अधिनियम और 1967 महाजन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भाषाई आधार पर किए गए सीमांकन को अंतिम मानता है।
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