Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले में सुनवाई कल तक के लिए स्थगित
Malegaon Blast Case मालेगांव विस्फोट मामले में सुनवाई कल 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत अन्य आरोपी आज स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश होना था। प्रज्ञा ठाकुर स्वास्थ्य कारणों के चलते 19 दिसंबर को कोर्ट में पेश नहीं हो सकीं थी।

मुंबई, एएनआइ। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई कल 5 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है। मामले की आरोपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर (Pragya SinghThakur) और अन्य आरोपियों को सोमवार को स्पेशल एनआईए कोर्ट (National Investigation Agency) में पेश होना था। प्रज्ञा के वकील, अधिवक्ता जेपी मिश्रा ( Advocate JP Mishra) ने भी पुष्टि की थी वह अदालत में हाजिर होंगी। बता दें कि भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वास्थ्य और सुरक्षा के आधार पर अदालत में दैनिक उपस्थिति से छूट चाहती हैं। इस संबंध में कोर्ट ने उन्हें एक अर्जी दाखिल करने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना है कि जब भी बुलाया जाये उन्हें कोर्ट में हाजिर होना होगा।
गौरतलब है कि इससे पहले 19 दिसंबर को अधिवक्ता जेपी मिश्रा ने कहा था कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 2008 मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमे में देरी कर रही है। प्रज्ञा ठाकुर के अलावा, एलटी कर्नल पुरोहित, चतुर्वेदी और कुलकर्णी, अजय रहीरकर, सेवानिवृत्त मेजर रमेश उपाध्याय और सुधाकर द्विवेदी भी मामले में आरोपी हैं। उल्लेखनीय है इन सात अभियुक्तों में से चार अदालत के समक्ष उपस्थित हुए थे। जबकि 19 दिसंबर को एनआईए की विशेष अदालत में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और सुधाकर चतुर्वेदी सहित तीन आरोपी पेश नहीं हुए थे। स्वास्थ्य संबंधी तकलीफों के कारण प्रज्ञा सिंह को उन्हें एम्स में भर्ती करवाया गया था। बता दें कि इस मामले में सांसद प्रज्ञा सिंह पर भी आरोप लगे हैं, प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित अन्य आरोपियों को ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश होने का आदेश दिया गया है।
इन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। आरोपों में धारा 16 (आतंकवादी कार्य करना) और 18 (आतंकवादी कार्य करने की साजिश) यूएपीए और धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 324 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 153 (क) (दो धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) भी शामिल है।
गौरतलब है कि 29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के एक शहर मालेगांव की एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर धमाका होने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए थे।
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