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    'शांति बनाना चाहता था', महिला IPS अधिकारी पर भड़के अजित पवार, वीडियो वायरल हुआ तो दी सफाई

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 05:55 PM (IST)

    महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का एक महिला आईपीएस अधिकारी को कथित तौर पर धमकाने का वीडियो वायरल होने के बाद विवाद हो रहा है। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। वायरल वीडियो में पवार अधिकारी को कार्रवाई रोकने का आदेश दे रहे हैं। पवार ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका इरादा किसी सरकारी अधिकारी के काम में हस्तक्षेप करना नहीं था।

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    सोलापुर जिले में चार सितंबर को घटी घटना (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का एक महिला आईपीएस को फोन पर धमकाने का वीडियो वायरल हो रहा है। इसके बाद से अजित पवार की चौतरफा आलोचना हो रही है। विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा है। जबकि इस घटना पर सफाई देते हुए अजीत पवार की सफाई भी सामने आई है।

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    सोलापुर जिले में चार सितंबर को घटी एक घटना का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें सादे कपड़ों में एक महिला आईपीएस अधिकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार से फोन पर बात करती दिखाई दे रही है। उपमुख्यमंत्री पवार अधिकारी को अपना परिचय देते हुए कार्रवाई रोकने का आदेश दे रहे हैं, और महिला अधिकारी उन्हें अपने फोन पर सीधे कॉल करने को कहती दिखाई दे रही है।

    अजित पवार ने अफसर को डांटा

    दोनों की बातचीत में अजित पवार यह कहते सुनाई दे रहे हैं कि तुम्हारी इतनी हिम्मत हो गई है कि मुझे नहीं पहचान रही हो। मैं तुमपर कार्रवाई करूंगा। फिर अजीत पवार अधिकारी से उसका नंबर लेकर सीधे उसके नंबर पर वीडियो कॉल करके उससे बात करते हैं। वास्तव में उक्त पुलिस अधिकारी अंजना कृष्णा को सूचना मिली थी कि करमाला तहसील के कुर्डू गांव में कुछ ग्रामीण अवैध रूप से बजड़ी-रोड़ी निकालने का काम कर रहे हैं।

    यह सूचना मिलते ही वह अपनी एक छोटी टीम के साथ उक्त स्थान पर पहुंच गईं और यह कार्रवाई रोकने को कहा। तब बजड़ी-रोड़ी निकालनेवाले ग्रामीणों में से एक व्यक्ति ने सीधे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को फोन लगा दिया। अजीत पवार एवं आईपीएस अंजना कृष्णा के बीच हुई बहस उसके बाद का ही घटनाक्रम है।

    विपक्ष मांग रहा इस्तीफा

    यह बातचीत वायरल होने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार की चौतरफा आलोचना हो रही है। विपक्षी दल शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने इस घटना की तीखी आलोचना करते हुए कहा है कि वायरल वीडियो में सुनाई दे रही बातचीत से स्पष्ट है कि उपमुख्यमंत्री चोरों का बचा रहे हैं। इसके बाद अजीत पवार को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्हें पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।

    सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने भी अजित पवार के त्यागपत्र की मांग की है। इस घटना के बाद पुलिस विभाग ने कुर्डू गांव में अवैध रूप से बजड़ी-रोड़ी निकाल रहे करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। इनमें वह राकांपा का वह कार्यकर्ता भी शामिल है, जिसने गांव में आईपीएस अधिकारी के आने के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार को फोन लगाया था।

    पवार ने अब दी सफाई

    दूसरी ओर इस घटना पर अजित पवार ने सफाई देते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य किसी सरकारी अधिकारी के काम में हस्तक्षेप करना नहीं था। मैं नहीं चाहता था कि वहां स्थिति बिगड़े। वहां शांति बनाए रखने के लिए मैंने अधिकारी से बात की थी।

    अजित पवार की पार्टी राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने अजीत पवार का बचाव करते हुए कहा है कि यदि उपमुख्यमंत्री किसी अधिकारी को किसी सार्वजनिक काम के लिए फोन करते हैं, तो इसमें गलत क्या है ? जनता दरबार में भी तो मंत्री अफसरों को सीधे बुलाकर काम करने को कहते हैं।

    यह भी पढ़ें- Video: 'इतना डेरिंग हुआ है क्या?', महिला IPS अफसर और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच तीखी बहस

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