Maratha Reservation: फिर भूख हड़ताल पर बैठेंगे मनोज जरांगे, सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप
मनोज जरांगे ने 25 जनवरी से फिर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने का एलान किया है। उन्होने कहा कि अगर सरकार शीतकालीन सत्र में उनकी मांगे पूरी नहीं करती है तो बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। जरांगे की मांग है कि मराठा समुदाय को राज्य में कुनबी के तौर पर पहचान मिले और उन्हें ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण दिया जाए।
पीटीआई, जालना। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक्टिविस्ट मनोज जरांगे 25 जनवरी को फिर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
जालना के अंतरवाली सराटी गांव में मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने मराठा समुदायसे बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। 42 वर्षीय एक्टिविस्ट मनोज जरांगे की मांग है कि सरकार एक नॉटिफिकेशन जारी करे, जिसमें मराठा समाज को कुनबी के रूप में मान्यता देने और नौकरी व पढ़ाई में आरक्षण देने का जिक्र हो।
कुनबी को मिलता है आरक्षण
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में कुनबी समाज कृषि प्रधान है और उसे पहले से ही ओबीसी कोटे के तहत आरक्षण मिलता है। सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जरांगे ने कहा, 'सरकार ने हमें धोखा दिया है। अगर वह शीतकालीन सत्र में हमारी मांग पूरी नहीं करेंगे, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।'
6 बार हड़ताल पर बैठे जरांगे
मनोज जरांगे अब तक 6 बार भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि भूख हड़ताल में शामिल होने के लिए किसी पर कोई दबाव नहीं होगा। उनकी यह भी मांग है कि जस्टिस संदीप शिंदे की कमेटी तेजी से कार्य करे। इस कमेटी का गठन मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र देने और आरक्षण कोटे का लाभ देने के लिए बनाई गई थी।
इसी साल फरवरी में विधानसभा ने शिक्षा और रोजगार में मराठा समुदाय को 10 फीसदी आरक्षण देने से जुड़ा बिल पास किया था। लेकिन जरांगे की मांग है कि यह आरक्षण ओबीसी कोटे के तहत दिया जाए।
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