Watch Video: महाराष्ट्र का एक ऐसा गांव जहां सरकारी स्कूल के बच्चे बोलते हैं जापानी भाषा
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में सरकारी स्कूल (Zilla Parishad school Aurangabad) के बच्चों को नौकरी उन्मुख शिक्षा प्रदान की जा रही है इसके लिये यहां जिला परिषद द़वारा संचालित एक स्कूल के बच्चों को ऑनलाइन जापानी भाषा (Japanese) सिखायी जा रही है।
औरंगाबाद, एएनआइ। महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के एक गांव में जिला परिषद द्वारा संचालित स्कूल के छात्र जापानी भाषा सीखते और बोलते हैं। जिला शिक्षा अधिकारी एसपी जायसवाल का कहना है कि, "इस पहल के तहत, जापानी भाषा के जानकार एक व्यक्ति बच्चों को ऑनलाइन ये भाषा पढ़ा रहे हैं।" स्कूल के कई शिक्षकों ने भी जापानी भाषा सीखी है। ऐसा करने के पीछे मुख्य उद्देश्य छात्रों को नौकरी उन्मुख शिक्षा प्रदान करना है। जिले में बहुत सारे जापानी पर्यटक अजंता और एलोरा की गुफाओं में जाते हैं और अगर छात्र जापानी भाषा बोल सकते हैं, तो वे गाइड बन सकते हैं।
#WATCH | Students of a Zilla Parishad-run school in a village in Maharashtra's Aurangabad district speak Japanese language. (06.10.2020) pic.twitter.com/MtF774Euip
— ANI (@ANI) October 6, 2020
पिछले साल सितंबर से इस स्कूल में चौथी कक्षा से आठवीं तक के बच्चों के लिए एक विशेष कार्यक्रम के जरिये विदेशी भाषा सीखने का चयन करने का विकल्प रखा गया था जिसमें 70 बच्चों ने जापानी भाषा को सीखने में रूचि दिखायी। जिसके बाद बच्चों को इंटरनेट के जरिये ये सुविधा उपलब्ध करवायी गयी। स्कूल के शिक्षक का कहना है कि हमें देखकर बहुत हैरानी हुई कि ये बच्चे प्रौद्योगिकी और रोबोटिक्स में रूचि रखते थे और जापानी भाषा सीखना चाहते हैं। ऑनलाइन जापानी भाषा सीख रहे इन बच्चों के लिए टोक्यों से एक प्रोफेसर ने कई किताबों के सेट इस गांव में भेजे, जिससे बच्चे बेहतर तरीके से शिक्षा ले सके।
जेडपी एजुकेशन एक्सटेंशन के एक अधिकारी के अनुसार, जापानी भाषा और भाषा विज्ञान के राष्ट्रीय संस्थान के प्रोफेसर प्रशांत पिछले 25 वर्षों से जापान में रहते हैं। प्रोफेसर प्रशांत को जब इस पहल के बारे में पता चला तो बच्चों की मदद के लिए आगे आये। प्रोफेसर प्रशांत ने फोन के जरिये इस प्रोजेक्ट की जानकारी ली और मराठी और जापानी भाषा की किताबों के कई सेट इस स्कूल तक भिजवाये।
इन किताबों में जापानी-मराठी शब्दकोश, अनुवादित की गई कहानियां, व्याकरण की किताबें और अन्य लेख शामिल हैं। जेडपी एजुकेशन ने निर्णय किया है कि वो अपने इस कार्यक्रम को औरंगाबाद के के चार अन्य स्कूलों में भी शुरु करेगा। इन चार स्कूलों के लगभग 35 छात्र जापानी भाषा सीखना चाहते हैं।