Ujjain Mahakal Darshan Live: महाशिवरात्रि पर आज रात 2:30 बजे खुलेंगे महाकाल मंदिर के पट, 44 घंटों तक भक्त कर पाएंगे दर्शन
महाशिवरात्रि का खास पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इसको लेकर पूरे देश में उल्लास का माहौल है। इस बीच उज्जैन के महाकाल मंदिर में खास तैयारियां की गई हैं। यहां पर मंगलवार और बुधवार की रात मंदिर के पट खोले जाएंगे। जिसके बाद सबसे पहले आरती की जाएगी। मंदिर की परंपरा अनुसार महाकाल के दरबार में महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा की जाती है।

जेएनएन, उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का उल्लास छाया है। मंगलवार, बुधवार की रात 2.30 बजे मंदिर के पट खोले जाएंगे। पुजारियों द्वारा सबसे पहले महाकाल की भस्म आरती की जाएगी। इससे पहले ही भक्तों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। मंदिर पहुंचे भक्तों को नंदी, गणेश और कार्तिकेय मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे।
इस दौरान गर्भगृह में पूजा अर्चना का सिलसिला लगातार चलता रहेगा। मंदिर की परंपरा के अनुसार महाशिवरात्रि पर चार प्रहर की पूजा की जाती है। साल में एक बार महानिषा काल में महाकाल की महापूजा होती है, जो बुधवार रात 11 बजे से प्रारंभ होकर, गुरुवार सुबह 6 बजे तक चलेगी।
महाशिवरात्रि पर होगी महाकाल की खास पूजा
पूजन के दौरान भगवान को शिव सहस्त्रनामावली से सवा लाख बिल्व पत्र तथा चावल, गेहूं, काली उड़द, जौ, साल आदि सप्तधान्य भी अर्पित किए जाएंगे। भगवान के शीश सवामन फल तथा फूलों से बना मुकुट सजाया जाएगा।
राजा पर चांदी के सिक्के न्यौछावर होंगे। इसके बाद गुरुवार दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी। भस्म आरती के बाद दोपहर 2.30 बजे भोग आरती के साथ नौ दिवसीय शिवनवरात्र उत्सव का समापन होगा। पश्चात मंदिर समिति पुजारियों का पारणा कराएगी।
महाकाल की चार प्रहर की होगी पूजा
महाशिवरात्रि के खास अवसर पर गर्भ गृह में लगातार भगवान महाकाल की महापूजा का अनुक्रम चलता रहेगा। जानकारी के अनुसार ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा के अनुसार भगवान महाकाल की चार प्रहर की पूजा होगी। महाशिवरात्रि को देखते हुए भक्तों की सुविधा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। सामान्य, वीआईपी तथा वृद्ध और दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग द्वार से प्रवेश की व्यवस्था रहेगी।
जानिए क्या रहेगी दर्शन व्यवस्था?
भक्तों की भारी भीड़ देखते हुए महाकाल मंदिर में दर्शन की व्यवस्था में बदलाव किया गया है। सामान्य दर्शनार्थी को कर्कराज पार्किंग से भील समाज की धर्मशाला, गोंड बस्ती, चारधाम मंदिर, शक्तिपथ, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर, महाकाल टनल के रास्ते गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जाएंगे।
इसके अलावा वीआईपी और प्रोटोकॉल के तहत आने वाले भक्तों को बेगमबाग मार्ग पर बने नीलकंठ द्वार से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। वृद्ध व दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश की व्यवस्था भी इसी द्वार से रहेगी। दर्शन के बाद इसी मार्ग से बाहर निकलेंगे।
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