एक्सप्रेस-वे पर अश्लील कृत्य में जमानत मिलते ही बोला नेता- वीडियो मेरा नहीं, कार भी बेच दी थी
मंदसौर में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर महिला के साथ अश्लील हरकत के मामले में भाजपा के कथित नेता मनोहरलाल धाकड़ को जमानत मिल गई। धाकड़ ने कहा कि वीडियो में वह नहीं है और जिस कार की बात हो रही है उसे वह बेच चुका है। उन्होंने एक्सप्रेस वे प्रबंधन के खिलाफ मानहानि का दावा करने की बात भी कही। पुलिस टोलकर्मियों की ब्लैकमेलिंग के आरोपों की जांच कर रही।

जेएनएन, मंदसौर। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर महिला के साथ अश्लील कृत्य करने के बहुचर्चित मामले में भाजपा का कथित नेता मनोहरलाल धाकड़ को गिरफ्तारी के दूसरे ही दिन सोमवार को जमानत मिल गई। अश्लील कृत्य का आपत्तिजनक वीडियो पिछले दिनों बहुप्रसारित हुआ था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
चौतरफा दबाव पर धाकड़ ने रविवार को भानपुरा थाने में पेश होकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। जमानत मिलने के बाद धाकड़ ने मीडिया के सामने खुलकर पहली बार अपनी बात कही। कहा कि बहुप्रसारित वीडियो में मैं नहीं हूं। जिस कार के आधार पर मुझे बताया जा रहा है, वह कार कुछ समय पहले ही बेच चुका हूं।
'एक्सप्रेस वे के प्रबंधन के खिलाफ भी मानहानि का दावा करूंगा'
वीडियो बहुप्रसारित होने पर भाजपा से मिली फटकार के बाद अब धाकड़ ने यह भी कहा कि मेरा भाजपा से कुछ लेना-देना नहीं है। पत्नी जरूर भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्य है, पर मैं पार्टी में नहीं हूं। उधर, सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने धाकड़ से जब महिला के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वीडियो में मैं ही नहीं हूं तो महिला के बारे में क्या बताऊं। कहा कि एक्सप्रेस वे के प्रबंधन के खिलाफ भी मानहानि का दावा करूंगा।
टोलकर्मियों पर ब्लैकमेलिंग का आरोप, जांच में जुटी पुलिस
मामले में पुलिस अब उन टोलकर्मियों को खोजने में जुट गई है, जिन्होंने अश्लील वीडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित किया। दरअसल, सूत्रों का कहना है कि मनोहरलाल धाकड़ ने पुलिस को बताया है कि गत 13 मई को टोलकर्मियों ने उससे सीसीटीवी में रिकार्ड फुटेज को डिलीट करने के नाम पर एक लाख रुपये मांगे थे। मौके पर 20 हजार रुपये ले भी लिए थे। बाकी बाद में देने को कहा था, पर बात नहीं बनी तो आठ दिन बाद स्क्रीन रिकार्डिंग कर वीडियो बहुप्रसारित कर दिया।
हालांकि, ब्लैकमेल किए जाने के बारे में सार्वजनिक रूप से मनोहर ने कोई बात नहीं कही। रतलाम के डीआइजी मनोज कुमार सिंह का कहना है कि एक्सप्रेस-वे पर बहुप्रसारित वीडियो के मामले में अब पुलिस उन टोलकर्मियों से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने ब्लैकमेलिंग की मंशा से वीडियो बहुप्रसारित किया है।
सात मिनट का एक वीडियो, तीन टुकड़ों में किया बहु प्रसारित
इंटरनेट मीडिया पर जो तीन अलग-अलग वीडियो बहुप्रसारित हो रहे हैं, वे सात मिनट 27 सेकंड के एक वीडियो से ही बने हैं। 13 मई को रात 8:22 बजे से लेकर 8:29 बजे तक की रिकार्डिंग को टोलकर्मियों ने तीन अलग-अलग हिस्सों में बहुप्रसारित किया था।
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