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    Khargone: बुजुर्ग पिता ने की 40 साल के बेटे की हत्या, थाने पहुंचकर बोला- मुझे मारना चाहता था, मैंने मार डाला

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Wed, 22 Mar 2023 11:48 PM (IST)

    गांव आगरवाड़ा में बुधवार को 77 वर्षीय छतर सिंह ने 40 वर्षीय बेटे राकेश की चाकू मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खून से सने कपड़ों में बड़वाह थाने पहुंचा और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। File Photo

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    बुजुर्ग पिता ने की 40 साल के बेटे की हत्या।

    राज्य ब्यूरो, खरगोन। खरगोन के गांव आगरवाड़ा में बुधवार को 77 वर्षीय छतर सिंह ने 40 वर्षीय बेटे राकेश की चाकू मारकर हत्या कर दी। इसके बाद खून से सने कपड़ों में बड़वाह थाने पहुंचा और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। पिता ने पुलिस से कहा, ''मैं झूठ नहीं बोलूंगा। भले आप मुझे फांसी पर चढ़ा दो। मैं मरने को तैयार हूं। बेटा मुझे पिछले 10 साल से जान से मारने की कोशिश कर रहा था।''

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    डॉक्टर के अनुसार, चाकू पेट के ऊपर लगा है, जो काफी अंदर तक गया है। वास्तविक स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगी। छतर सिंह ने मीडियाकर्मियों के सामने ही जुर्म कबूल करते हुए कहा, ''मैं परेशान था। बेटा रोज शराब पीकर मुझे मारने की धमकी देता था। मैं उसे नहीं मारता तो वह मेरी हत्या कर देता। वह मेरे साथ ही रहता था। खाना भी खाता था, लेकिन मारपीट करता था। मैं कब तक बर्दाश्त करता? सुबह भी मैं अपनी पत्नी को समझा रहा था, लेकिन वह बीच में आ गया। पहले मुझ पर उसने चाकू से वार किया, फिर मैंने उसे चाकू से मार डाला।''

    इस वजह से हुआ विवाद

    छतर सिंह का पत्नी कुसुम बाई से विवाद हो रहा था। इस दौरान राकेश आ गया तो उससे भी कहासुनी होने लगी। इसी बीच छतर सिंह ने राकेश के पेट पर चाकू मार दिया। बेटे को खून से लथपथ देख कुसुम बाई ने पड़ोसियों को आवाज लगाई। इस दौरान छतरसिंह वहां से चला गया। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के दौरान ही राकेश की मौत हो गई।

    छतर सिंह के भी हाथ और गर्दन पर कट के निशान हैं। चेहरे पर सूजन है। कुसुम बाई ने थाने में पति के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कराया है। इसमें उसने पति से अलग बात कही है। उसने बताया कि छतर सिंह मुझ पर शंका करता था। सुबह भी जब विवाद हो रहा था तो राकेश ने खिड़की से झांक कर मुझे बाहर आने के लिए कहा। जब वह अंदर दाखिल हो रहा था तो छतर सिंह दरवाजे के पीछे छिप गया। जैसे ही राकेश आया, उसने उसे चाकू घोंप दिया।