जीजा को हर जानकारी देती थी पूजा पांडे, लूट की रात 53 बार हुई बात... सिवनी हवाला कांड में चौंकाने वाला खुलासा
सिवनी हवाला कांड की एसआईटी जांच में खुलासा हुआ है कि एसडीओपी पूजा पांडे अपनी हर गतिविधि की जानकारी जीजा वीरेंद्र दीक्षित को देती थीं। डकैती की रात दोनों के बीच 53 बार फोन पर बातचीत हुई। वीरेंद्र ने मोबाइल डेटा डिलीट कर दिया था। हवाला कारोबारी पंजू गिरी की संलिप्तता भी पाई गई है, और दोनों की जमानत याचिका खारिज हो गई है। जांच में पता चला है कि लूट की घटना पूरी तरह से सुनियोजित थी।

पूजा पांडे लगातार अपने जीजा से फोन पर संपर्क में थी।
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। तीन करोड़ रुपये की हवाला राशि हड़पने के चर्चित सिवनी हवाला कांड में एसआईटी जांच लगातार चौंकाने वाले तथ्य उजागर कर रही है। जांच में सामने आया है कि एसडीओपी पूजा पांडे घटनाओं और अपनी हर गतिविधि की जानकारी अपने जीजा वीरेंद्र दीक्षित को देती थीं। डकैती वाली रात दोनों के बीच 53 बार फोन पर बातचीत हुई, जिसने पूरे मामले की साजिश को और स्पष्ट कर दिया है।
मोबाइल डेटा किया डिलीट
एसआईटी के अनुसार, आरोपी वीरेंद्र दीक्षित ने अपने मोबाइल का पूरा डेटा और व्हाट्सऐप चैट डिलीट कर दिया था। पुलिस को सौंपा गया मोबाइल सिम तो पुराना ही था, लेकिन हैंडसेट बदल दिया गया था। जांच अधिकारियों का कहना है कि यह आचरण स्पष्ट रूप से आपराधिक षड्यंत्र में सहभागिता को दर्शाता है।
जमानत याचिका खारिज
जांच में जबलपुर के हवाला कारोबारी और पंचशील नगर गौरीघाट निवासी पंजू गिरी गोस्वामी (40) की संलिप्तता के भी ठोस प्रमाण मिले हैं। पूजा पांडे के जीजा वीरेंद्र दीक्षित और पंजू गिरी दोनों ने सिवनी जिला न्यायालय में जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन विशेष न्यायाधीश गालिब रसूल ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि मामले में अन्वेषण जारी है और उपलब्ध परिस्थितियों के आधार पर जमानत देना उचित नहीं होगा।
साजिश का सिरा-सिरा जुड़ने लगा
एसआईटी द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत प्रतिवेदन में बताया गया है कि हवाला राशि लूट की घटना पूरी तरह सुनियोजित थी। 20 नवंबर को गिरफ्तार किए गए बालाघाट हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा, आरक्षक प्रमोद सोनी, पूजा का जीजा वीरेंद्र दीक्षित और हवाला कारोबारी पंजू गोस्वामी—सभी एक दूसरे के लगातार संपर्क में थे। पूजा पांडे भी पंकज मिश्रा और अपने जीजा से नियमित रूप से बात करती थीं।

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