सतना जिला अस्पताल की शर्मनाक तस्वीर, दर्द से कराहती प्रसूता को नहीं मिला स्ट्रेचर, गेट पर एम्बुलेंस में प्रसव
सतना जिला अस्पताल में एक शर्मनाक घटना सामने आई, जहाँ एक प्रसूता को स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। रामपुर चौरासी ...और पढ़ें

सतना में अस्पताल के गेट पर खड़ी एंबुलेस, इंजतार करते प्रसूता के स्वजन।
डिजिटल डेस्क, जबलपुल। सतना जिला अस्पताल की अव्यवस्थित स्वास्थ्य सेवाएं एक बार फिर कठघरे में हैं। एक प्रसूता को अस्पताल पहुंचने के बावजूद करीब आधे घंटे तक स्ट्रेचर नहीं मिला, जिसके कारण उसे मजबूरी में जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। घटना बुधवार की है।
जानकारी के मुताबिक रामपुर चौरासी निवासी साधना यादव को तेज प्रसव पीड़ा होने पर आशा कार्यकर्ता केतकी बाई उन्हें जननी एक्सप्रेस (CG 04 NZ 6041) से दोपहर लगभग 12 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचीं। लेकिन अस्पताल पहुंचते ही लापरवाही का वह मंजर सामने आया, जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया।
लेबर रूम से मिला जवाब, कोई स्ट्रेचर खाली नहीं
सूत्रों के अनुसार, आशा कार्यकर्ता ने लेबर रूम और महिला वार्ड में स्ट्रेचर की तलाश की, लेकिन एक भी स्ट्रेचर उपलब्ध नहीं मिला। लेबर रूम स्टाफ ने साफ कहा कि उनके पास केवल दो स्ट्रेचर हैं, और दोनों पहले से मरीजों के लिए उपयोग में हैं।
इस दौरान गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ती रही। एंबुलेंस पायलट ने भी कई बार स्ट्रेचर उपलब्ध कराने की विनती की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। हालात बिगड़ते देख एंबुलेंस स्टाफ, अस्पताल की आया और महिला परिजनों ने मिलकर वाहन में ही प्रसव कराया।
अस्पताल की तैयारियों पर गंभीर सवाल
अस्पताल परिसर में हुई इस अमानवीय घटना ने व्यवस्था की जमीनी हकीकत उजागर कर दी है। सवाल ये है कि जहां आपात स्थिति में प्रसूताओं तक को स्ट्रेचर जैसी बुनियादी सुविधा नहीं मिल रही, वहां स्वास्थ्य सेवाओं के सरकारी दावों पर कैसे भरोसा किया जाए?
जच्चा-बच्चा सुरक्षित
प्रसव के बाद महिला और नवजात को एंबुलेंस से वार्ड में शिफ्ट किया गया। फिलहाल दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं, लेकिन घटना ने जिला अस्पताल की लापरवाही की नई कहानी लिख दी है।

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