रीवा में वनकर्मियों पर ग्रामीणों का हमला, एक को बनाया बंधक, मोबाइल से डिलीट कराए फोटो-वीडियो
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया, जब वे अवैध शिकार की जांच कर रहे थे। ग्रामीणों ने एक वनरक्षक को बंधक बना लिया और उसके मोबाइल से वीडियो और फोटो डिलीट करा दिए। पुलिस ने हस्तक्षेप कर वनरक्षक को छुड़ाया और एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि मुख्य आरोपी अभी भी फरार है।

वनरक्षक (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मप्र के रीवा में पनवार थाना क्षेत्र के कल्याणपुर ग्राम पंचायत के हरिजनपुरवा गांव में बुधवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब जंगली सूअर के अवैध शिकार की जांच करने पहुंची वन विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। स्थिति तब और बिगड़ गई जब ग्रामीणों ने वनरक्षक अंशुमान साकेत को एक कमरे में बंद कर बंधक बना लिया और उनके मोबाइल में मौजूद वीडियो–फोटो जबर्दस्ती डिलीट कराए।
सूत्रों के मुताबिक, टीम ने अवैध शिकार के आरोपी रमाकांत कोल को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी, तभी पांच से अधिक ग्रामीण मौके पर पहुंचकर वनकर्मियों से भिड़ गए। देखते ही देखते ग्रामीण आक्रामक हो गए और धक्का-मुक्की के साथ मारपीट शुरू हो गई। इस दौरान वनरक्षक हरीशंकर पाल भी घायल हो गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के कर्मचारी उनके घरों में घुसे, महिलाओं से कहासुनी की और बदसलूकी की। ग्रामीण यह भी दावा कर रहे हैं कि असल शिकारी तो फरार हैं, जबकि आदिवासी परिवारों को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है और गांव के दबंग हमें निशाना बना रहे हैं।
वनरक्षक अंशुमान साकेत द्वारा बनाए गए वीडियो ही उनकी मुसीबत बन गए। इन्हीं वीडियो को डिलीट कराने के लिए उन्हें कमरे में बंद कर रखा गया था। हालात बिगड़ने पर पनवार पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई और बंधक बनाए गए वनरक्षक को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
वन विभाग ने आरोपी रमाकांत कोल के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। थाना प्रभारी प्रवीण उपाध्याय के अनुसार, वन अमले पर हमला, मारपीट और बंधक बनाने का प्रकरण दर्ज किया गया है। मुख्य आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

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