ई-अटेंडेंस विवाद : MP सरकार का हाईकोर्ट में दावा - 'शिक्षक एप' में डाटा चोरी... हो ही नहीं सकता
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार ने डाटा लीक की आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा कि 'हमारे शिक्षक एप' में डाटा चोरी की कोई संभावना नहीं है। न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई 3 दिसंबर को तय की है। शिक्षकों ने एप के कारण डाटा लीक होने की आशंका जताई है।

ई-अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों का विरोध जारी है (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के लिए ई-अटेंडेंस अनिवार्य किए जाने के प्रकरण में सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन ने याचिकाकर्ताओं के उस आरोप का जवाब दिया, जिसमें डाटा लीक और सायबर फ्राड की बात कही गई थी। सरकार ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को नकारते हुए कहा कि हमारे शिक्षक एप में डाटा चोरी की संभावना बिल्कुल नहीं है।
अगली सुनवाई जल्द
न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की एकलपीठ ने सरकार के जवाब को अभिलेख पर लेते हुए तीन दिसंबर को अगली सुनवाई निर्धारित की है। पिछली सुनवाई में याचिकाकर्ताओं द्वारा उक्त एप डाउनलोड के बाद डाटा लीक होने और सायबर फ्रॉड की दलील दी गई थी। कुछ शिक्षकों के बैंक खाते से रकम गायब होने की बात भी कही गई थी।
दरअसल, जबलपुर निवासी मुकेश सिंह वरकड़े, सतना के सत्येंद्र तिवारी सहित प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे 27 शिक्षकों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ई-अटेंडेंस को चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने दलील दी कि शिक्षकों को ई-अटेंडेंस के लिए बने हमारे शिक्षक एप के जरिए उपस्थित दर्ज कराने में नेटवर्क न मिलने सहित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

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