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    MP में समर्पण करने वाले माओवादी उगल रहे 'लाल हिंसा' के राज, IB ने भी की पड़ताल

    By Yogesh GautamEdited By: Ravindra Soni
    Updated: Tue, 16 Dec 2025 06:26 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में समर्पण करने वाले 13 माओवादियों से बालाघाट पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो उनके अपराधों को लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस उनके ठहरने और भोजन क ...और पढ़ें

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    डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्य प्रदेश के बालाघाट में 41 दिन में समर्पण करने वाले 13 माओवादियों से बालाघाट पुलिस और इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) उनके अपराधों को लेकर पूछताछ कर रही है। उनसे पुलिस लाइन सभागार में बारी-बारी से पूछताछ की जा रही है।

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    कराया स्वास्थ्य परीक्षण 

    पुलिस उनके ठहरने और भोजन का भी खास ध्यान रख रही है। कड़ाके की ठंड को देखते हुए बालाघाट पुलिस ने माओवादियों को ठंड से राहत देने के लिए गर्म कपड़े भी उपलब्ध कराए हैं। इस बीच, समर्पण करने वाले सभी 13 माओवादियों का पुलिस ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। किसी माओवादी को गंभीर बीमारी नहीं है।

    पूछताछ में कर रहे सहयोग

    बड़े कैडरों के चेहरे पर जहां गंभीरता नजर आ रही है, तो छोटे कैडर समर्पण के बाद खुश हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सभी माओवादी सामान्य हैं और बदले हुए वातावरण और परिवेश में खुद को लगभग ढाल चुके हैं। पूछताछ में अभी तक किसी माओवादी ने विरोध या असहयोग नहीं किया है। वे पुलिस के हर सवालों के जवाब दे रहे हैं। एक माओवादी से एक दिन में या दो दिन में दो से तीन बार भी पूछताछ की जा रही है।

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    अब तक किस माओवादी ने कौन-सा राज उगला

    सुरेंद्र उर्फ कबीर
    इनाम- 62 लाख,
    दलम: केबी डिवीजन,
    समर्पण : सात दिसंबर
    पूछताछ में कबीर ने जिले के सूपखार के जंगल में हथियार छिपाने की जानकारी दी। सुरक्षाबलों ने डंप से इंसास, एसएलआर, सिंगल शाट समेत छह हथियार बरामद किए। कबीर ने स्वीकार कि नवंबर 2021 और मार्च 2022 को कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के बफर जोन से लगे गांव मालखेड़ी के तीन ग्रामीणों- सुखदेव परते, संतोष यादव और जगदीश पटले की मुखबिरी के नाम पर की हत्या में वह शामिल था। कबीर ने सबसे बड़ा राजफाश करते हुए बताया कि 2013 के झीरम घाटी हत्याकांड में भी वह शामिल था। इस घटना में कांग्रेस के अनेक नेता मारे गए थे।

    दीपक उर्फ सुधाकर व रोहित
    इनाम- कुल 43 लाख,
    दलम : मलाजखंड,
    समर्पण : 11 दिसंबर
    29 लाख के इनामी दीपक ने अपने सहयोगी रोहित के साथ समर्पण किया। उस पर भी 14 लाख का इनाम घोषित है। इन्होंने पूछताछ में किरनापुर क्षेत्र के सिरका के जंगल में कैश और हथियारों का डंप छिपाने की जानकारी दी थी। सुरक्षाबलों की सर्चिंग में पुलिस ने 11.57 लाख रुपये नकद और बड़ी मात्रा में हथियार, कारतूस, विस्फोटक, मेडिकल सहित अन्य सामग्री बरामद की हैं। दीपक ने अभी तक किसी घटना में अपने शामिल होने का राज नहीं उगला है, लेकिन पुलिस का अनुमान है कि रूपझर सहित किरनापुर क्षेत्र में हुईं ग्रामीणों की हत्याओं में दीपक का भी हाथ है।

    सुनीता ओयाम
    इनाम- 14 लाख रुपये,
    दलम : मलाजखंड,
    समर्पण : एक नवंबर
    छत्तीसगढ़ के बीजापुर की सुनीता का समर्पण मध्य प्रदेश की आत्मसमर्पण नीति-2023 के तहत पहला समर्पण है। 20-21 की उम्र में हथियार थामने वाली सुनीता ने पूछताछ में बताया कि उसने दबाव में यह राह चुनी थी। माओवादी उसे जबरन साथ ले गए और संगठन में शामिल कर लिया। सुनीता ने बताया कि उसे 17 सितंबर 2025 को लांजी के चौरिया में मुखबिरी के नाम पर हुई देवेंद्र यादव की हत्या की जानकारी थी। सुनीता ने स्वीकारा कि उसने छत्तीसगढ़ के माड़ क्षेत्र में छह माह का कड़ा प्रशिक्षण लिया था। वह सीसीएम रामधेर की गार्ड थी।