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Jabalpur News: अब पर्सनल आइडी से बनाया दूसरों का टिकट तो खानी होगी जेल की हवा

आइआरसीटीसी से टिकट के कामर्शियल उपयोग का अधिकार एजेंट को है जो शुल्क देकर आइडी लेता है। एजेंट कई बार एक साथ कई फर्जी आइडी बनाकर उससे कामर्शियल टिकट बनाता है। इसके बदले में वह यात्री से टिकट के तय दाम से दो से ढाई गुना तक वसूलता है।

By Jagran NewsEdited By: Mohammed AmmarPublished: Mon, 21 Nov 2022 12:56 AM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2022 03:49 AM (IST)
Jabalpur News: अब पर्सनल आइडी से बनाया दूसरों का टिकट तो खानी होगी जेल की हवा
Jabalpur News: पर्सनल आइडी से बनाया दूसरों का टिकट तो खानी होगी जेल की हवा

अतुल शुक्ला, जबलपुर, जागरण डिजिटल डेस्‍क। ट्रेनों में आनलाइन रिजर्वेशन के लिए यदि आप इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आइआरसीटीसी) की साइट पर पर्सनल आइडी का उपयोग कर रहे हैं तो सावधानी बरतनी होगी, वर्ना 10 हजार रपये जुर्माना भरने से लेकर तीन साल के लिए जेल तक जाना पड़ सकता है। पर्सनल आइडी से यूजर अपना या अपने नाते-रिश्तेदारों का टिकट ही ले सकता है।

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यदि टिकट दोस्त, करीबी या किसी संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी के लिए बना है तो आप रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की जांच के दायरे में आ सकते हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने के लिए आरपीएफ ने जबलपुर, भोपाल समेत देशभर में आपरेशन उपलब्ध चलाया है। इसके तहत पर्सनल आइडी से टिकट बनाने वालों की जांच शुरू हो गई है। जबलपुर रेल मंडल में ऐसे 90 से ज्यादा लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं। उनसे पूछताछ भी चल रही है।

प्रबल खोल रहा कुंडली

आरपीएफ निजी साफ्टवेयर प्रबल की मदद लेकर आइडी का कामर्शियल उपयोग करने वालों की पहचान करने में जुटी है। प्रबल साफ्टवेयर आइआरसीटीसी के सर्वर से जुड़ा है। यह आसानी से पहचान लेता है कि एक ही व्यक्ति या अनेक व्यक्ति ने कब और कहां यात्रा की है। साफ्टवेयर निजी आइडी से बने टिकट, लोगों के नाम और टिकट के दाम की भी जानकारी देता है। ऐसे व्यक्तियों के नाम आरपीएफ के दिल्ली मुख्यालय या फिर जोनल मुख्यालय में बैठे एक्सपर्ट के पास आ जाते हैं।

अधिकतर ऐसे होता है गलत उपयोग

आइआरसीटीसी से टिकट के कामर्शियल उपयोग का अधिकार एजेंट को है, जो शुल्क देकर आइडी लेता है। एजेंट कई बार एक साथ कई फर्जी आइडी बनाकर उससे कामर्शियल टिकट बनाता है। इसके बदले में वह यात्री से टिकट के तय दाम से दो से ढाई गुना तक वसूलता है। ऐसे में रेलवे को राजस्व की हानि होती है। आरक्षित टिकट अनधिकृत रूप से खरीदना और बेचना रेलवे अधिनियम की धारा 143 के अंतर्गत अपराध है। सजा के तौर पर 10,000 रपये जुर्माना या तीन वर्षों की जेल का प्रविधान है।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

आपरेशन उपलब्ध के जरिए आइआरसीटीसी की पर्सनल आइडी का कामर्शियल उपयोग करने वालों की धर-पकड़ शुरू है। जबलपुर रेल मंडल में ऐसे 90 से अधिक लोगों पर मामले दर्ज किए गए हैं।

- अरण त्रिपाठी, सीनियर डीएससी, आरपीएफ, जबलपुर

पर्सनल आइडी से यूजर अपना या अपने रिश्तेदारों का ही टिकट निकाल सकता है, लेकिन यह देखा जा रहा है कि पर्सनल आइडी का कामर्शियल उपयोग भी खूब हो रहा है। यह अपराध है।

- पिनाकिन मोरावाला, जनसंपर्क अधिकारी, आइआरसीटीसी।


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