Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    Dhar Bhojshala: भोजशाला हिंदुओं को सौंपने की मांग, नए स्वरूप में शुरू हुआ सत्याग्रह

    Updated: Wed, 22 Jan 2025 07:05 AM (IST)

    मध्य प्रदेश के धार में ऐतिहासिक भोजशाला हिंदुओं को सौंपने और उसके गौरव की पुनर्स्थापन के लिए श्रद्धालुओं ने मंगलवार को सत्याग्रह को विशेष स्वरूप प्रदान किया। पहले कुछ लोग ही सत्याग्रह चला रहे थे जबकि इस मंगलवार को आसपास के क्षेत्रों के लोग भी इसमें शामिल हुए। उन्होंने भोजशाला में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया और कतार में लगकर मां वाग्देवी के चित्र के दर्शन किए।

    Hero Image
    भोजशाला हिंदुओं को सौंपने की मांग के साथ नए स्वरूप में सत्याग्रह शुरू (फोटो- जेएनएन)

     जेएनएन, धार। मध्य प्रदेश के धार में ऐतिहासिक भोजशाला हिंदुओं को सौंपने और उसके गौरव की पुनर्स्थापन के लिए श्रद्धालुओं ने मंगलवार को सत्याग्रह को विशेष स्वरूप प्रदान किया। पहले कुछ लोग ही सत्याग्रह चला रहे थे, जबकि इस मंगलवार को आसपास के क्षेत्रों के लोग भी इसमें शामिल हुए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भोजशाला में सत्याग्रह का क्रम जारी रहेगा

    उन्होंने भोजशाला में हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया और कतार में लगकर मां वाग्देवी के चित्र के दर्शन किए। इसमें महिलाओं की उपस्थिति अधिक रही। जिला मुख्यालय के अलावा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से अब लगातार 51 सप्ताह तक प्रत्येक मंगलवार को लोग भोजशाला आकर सत्याग्रह का क्रम जारी रखेंगे।

    जिलेभर के लोगों को भोजशाला आमंत्रित किया जाएगा

    सत्याग्रह की पहल करने वाली महाराजा भोज स्मृति बसंत उत्सव समिति ने बीते दिनों बैठक कर तय किया था कि भोजशाला पूर्ण रूप से हिंदू समाज को सौंपे जाने की मांग के साथ लगातार एक वर्ष तक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत जिलेभर के लोगों को भोजशाला आमंत्रित किया जाएगा। दरअसल, भोजशाला में मंगलवार को हिंदू समाज को पूजा की अनुमति है। शुक्रवार को दोपहर एक से तीन बजे तक यहां नमाज होती है।

    भोजशाला पर हिंदू समाज को अधिकार देने की मांग की गई

    बता दें कि भोजशाला की मुक्ति के लिए हिंदू फ्रंट फार जस्टिस के माध्यम से हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है। इसमें भोजशाला पर हिंदू समाज को अधिकार देने की मांग की गई। कोर्ट के आदेश पर एएसआइ ने पिछले वर्ष भोजशाला में करीब 90 दिन तक वैज्ञानिक और पुरातात्विक सर्वेक्षण किया।

    एएसआइ ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट पर आगामी कार्रवाई करने पर रोक लगा रखी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भोजशाला सहित अन्य धार्मिक स्थानों की याचिका को एक साथ सुना जाएगा।

    तीन फरवरी की विशेष तैयारी

    तीन फरवरी को बसंत पंचमी है। इसे लेकर भी अभी से व्यापक स्तर पर तैयारी की जा रही है। बसंत उत्सव के तहत सत्याग्रह और भोजशाला में होने वाले पारंपरिक आयोजनों के साथ मातृशक्ति संगम भी होगा।

    सर्वे रिपोर्ट को लेकर पक्षकारों ने क्या कहा?

    रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में मिले स्तंभों और उसकी कला व वास्तुकला से यह कहा जा सकता है ये स्तंभ पहले मंदिर का हिस्सा थे, बाद में मस्जिद के स्तंभ बनाते समय उनका पुन: उपयोग किया गया। मौजूदा संरचना में चारों दिशाओं में खड़े 106 और आड़े 82 (कुल 188) स्तंभ मिले हैं। इनकी वास्तुकला से पुष्टि होती है कि ये स्तंभ मंदिरों का ही हिस्सा थे।