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    MP में कांग्रेस का यह हाल, सौ से अधिक ब्लाक व उप ब्लाक में युवा कांग्रेस अध्यक्ष के लिए कोई दावेदार नहीं

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 07:47 PM (IST)

    मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्षों के चुनाव में युवाओं की बेरुखी सामने आई है। प्रदेश के सौ से अधिक ब्लॉकों में अध्यक्ष पद के लिए कोई दावेदार नहीं है। राहुल गांधी बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत करने की बात कर रहे हैं, लेकिन युवाओं की कम रुचि चिंता का विषय है। एआई जांच में 15 लाख में से केवल 6 लाख सदस्य ही वैध पाए गए। अनुसूचित जाति और जनजाति सीटों पर स्थिति और भी खराब है।

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    शशिकांत तिवारी, भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव, जिलाध्यक्ष, जिला महासचिव, ब्लाक अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्षों की घोषणा दिल्ली से 30 या 31 अक्टूबर को हो सकती है। युवा कांग्रेस अध्यक्ष की घोषणा नवंबर में होगी। चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस संगठन की दृष्टि से प्रदेश में बने एक हजार ब्लाक व उप ब्लाकों में से सौ से अधिक में किसी ने दावेदारी ही नहीं की, इस कारण इन ब्लाकों में अध्यक्ष की घोषणा अभी नहीं हो पाएगी।

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    लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी वर्ष 2028 में प्रस्तावित विधानसभा और 2029 के लोकसभा चुनाव की दृष्टि से बूथ स्तर तक सशक्त संगठन खड़ा करने की बात कह रहे हैं, पर पार्टी के लिए चिंता की बात यह है कि ब्लाक युवा कांग्रेस अध्यक्ष बनने के लिए भी युवा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। बता दें कि पहली बार आनलाइन सदस्यता और मतदान से देशभर में इन पदाधिकारियों का चुनाव हो रहा है।

    मप्र में 15 लाख 37 हजार नए सदस्य बनाने का दावा था, पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की जांच में छह लाख ही वैध मिले हैं, जबकि दस्तावेज अपूर्ण होने के कारण चार लाख होल्ड हैं। ''नईदुनिया'' की पड़ताल में पता चला कि ज्यादा खराब स्थिति अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) विधानसभा सीटों के अंतर्गत आने वाले ब्लाकों की है।

    विधानसभा चुनाव में 230 में से 66 पर सिमटने और लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटें हारने के बाद पार्टी इन दोनों वर्गों में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए कई आंदोलन और अभियान चला चुकी है। इसके बाद भी जिन युवाओं के बूते पार्टी भाजपा को मात देने का दम भर रही है, उनकी बेरुखी पार्टी के लिए बड़े संदेश की तरह है।

    कभी कांग्रेस के गढ़ रहे शिवपुरी जिले की पांच विधानसभा सीटों के 26 ब्लाक व उप ब्लाकों में 14 में युवा कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के लिए कोई सामने नहीं आया। यह केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाला क्षेत्र है। यहां एससी के लिए आरक्षित करेरा विधानसभा सीट को कांग्रेस ने सात ब्लाक में बांटा है, इनमें नरवर छोड़ दें तो बाकी में किसी ने दावेदारी नहीं की। जब कोई अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं है तो बूथ स्तर तक युवा कांग्रेस का संगठन इस सीट पर कैसा होगा यह साफ है।

    विधानसभा अध्यक्ष और जिला महासचिव बनने में भी रुचि नहीं ब्लाक अध्यक्ष तो अपेक्षाकृत छोटा दायित्व है, स्थिति यह है कई जगह युवा कांग्रेस का विधानसभा अध्यक्ष और जिला महासचिव बनने में भी युवाओं ने रुचि नहीं ली है। शिवपुरी जिले को ही लें तो शिवपुरी और करेरा में दो-दो और कोलार,पिछोर एवं पोहरी विधानसभा सीट में एक-एक दावेदार ही मैदान में हैं।

    जिला अध्यक्ष के लिए मात्र तीन और महासचिव के लिए एक ने ही दावेदारी की। ऐसी कई विधानसभा सीटें हैं जहां से एक-एक आवेदन ही हैं। लगभग 250 ब्लाक में अध्यक्ष बनने के लिए एक युवा ही तैयार हुआ। शहरी क्षेत्र में भी स्थिति ठीक नहीं है। भोपाल के हुजूर विधानसभा क्षेत्र के तीन ब्लाक में कोई अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं है। यहां से भाजपा के रामेश्वर शर्मा विधायक हैं।

    इधर उल्टी स्थित, नेता प्रतिपक्ष सिंघार के क्षेत्र में एक ब्लाक में 22 उम्मीदवार जहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है वहां दावेदार भी खूब हैं।विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के विधानसभा क्षेत्र गंधवानी के चार ब्लाक में अध्यक्ष पद के लिए 12 से लेकर 22 उम्मीदवार तक हैं। राजगढ़ जिले में भी अधिकतर ब्लाक में तीन-चार ने दावेदारी की है।

    युवा कांग्रेस का संगठन सृजन हो रहा है। अगले 10 दिन में ब्लाक, विधानसभा व जिलाध्यक्ष सहित युवा कांग्रेस की ऊर्जावान टीम देखने को मिलेगी। नया नेतृत्व उभर कर आएगा। 15 लाख से अधिक युवाओं ने सदस्यता के लिए आवेदन किया जो दर्शाता कि मप्र में युवाओं का भाजपा से मोह भंग हुआ है। विवेक त्रिपाठी प्रवक्ता, मप्र कांग्रेस