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इंदौर फोरम : प्रदेश के 25 हजार स्कूलों को फर्नीचर और 1.28 लाख को देंगे बिजली

दैनिक जागरण और नईदुनिया समूह के 'माय सिटी-माय प्राइड अभियान की प्रदेश सरकार और इसके प्रतिनिधियों ने खुलकर सराहना की।

By Krishan KumarEdited By: Published: Fri, 28 Sep 2018 06:31 AM (IST)Updated: Fri, 28 Sep 2018 06:31 AM (IST)
इंदौर फोरम : प्रदेश के 25 हजार स्कूलों को फर्नीचर और 1.28 लाख को देंगे बिजली

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि : दैनिक जागरण और नईदुनिया समूह के 'माय सिटी-माय प्राइड अभियान की प्रदेश सरकार और इसके प्रतिनिधियों ने खुलकर सराहना की। गुरुवार को आयोजित फोरम में प्रदेश के तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास और स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कहा कि यह अभियान केवल समस्या की बात नहीं करता, बल्कि जागरूकता और सहभागिता से समाधान की बात भी करता है। जोशी ने कहा कि हम कॉरपोरेट-सोशल रिस्‍पॉन्‍सिबिलिटी (सीएसआर) के जरिये प्रदेश के 25 हजार सरकारी मिडिल स्कूलों में फर्नीचर का इंतजाम करेंगे। प्रदेश के 1.28 लाख स्कूलों को दो साल के अंदर बिजली से जोड़ेंगे।

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राज्यमंत्री ने कहा-स्कूल गेम्स फेडरेशन के माध्यम से हमने सितोलिया जैसे परंपरागत खेल को राष्ट्रीय खेलों में जुड़वाया। अब हमारा प्रयास है कि यह एशियाड और ओलिंपिक में भी शामिल हो। उन्होंने कहा, पीथमपुर और शहर की इंडस्ट्री की जरूरत के हिसाब से हम बच्चों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दे रहे हैं। ऑटोमोबाइल कंपनी आयशर की मदद से इंदौर के आईटीआई में कुशल ड्राइवर और मैकेनिक तैयार किए जा रहे हैं। होंडा और मारुति के साथ भी इसी तरह का प्रशिक्षण देने जा रहे हैं।

कार्यक्रम में मप्र हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कृष्णमुरारी मोघे, आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी, विधायक सुदर्शन गुप्ता, महेंद्र हार्डिया ने भी संबोधित किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए नईदुनिया के संप्रादक (मप्र) आशीष व्यास ने कहा- 'माय सिटी-माय प्राइड के सफर में हम सब एक साथ, एक दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। समस्याओं पर बात करने के बजाय हमने तय किया कि इस अभियान के जरिये हम समाधान-सुझाव आधारित सार्थक संवाद कायम करें और सभ्य समाज की दिशा में अग्रसर हों। फेसबुक इस अभियान का हमारा बड़ा पार्टनर है। कार्यक्रम में शहर के विभिन्न् क्षेत्रों के विशेषज्ञ, प्रबुद्धजन और नईदुनिया के ऑपरेशन हेड नीरज पांडे मौजूद थे।  

 

शहर की बेहतरी के लिए जनप्रतिनिधियों ने पेश किया खाका
राऊ से सुपर कॉरिडोर होते हुए आउटर रिंग रोड बनाएंगे
शहर में अगले 50 साल तक यातायात और आबादी के दबाव को देखते हुए राऊ से सुपर कॉरिडोर होते हुए आउटर रिंग रोड बनाएंगे। यह उज्जैन रोड, राऊ और एबी रोड को जोड़ेगा। इसके लिए आईडीए ने प्लानिंग शुरू कर दी है। पीपल्याहाना सहित पांच ब्रिज बन रहे हैं। चार और नए ब्रिज बनाने की योजना है। मास्टर प्लान-2021 पर 80 फीसदी काम हो चुका है। बचा हुआ 20 फीसदी काम शीघ्र किया जाएगा।
शंकर लालवानी, अध्यक्ष, आईडीए

लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन को बनाएंगे जंक्शन
पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तहत विधानसभा-एक से अब तक 75 बसें चल रही हैं। शीघ्र ही यहां से 25 बसें और चलाई जाएंगी। एमआर-5 बनाने का काम भी यहीं से शुरू करने के प्रयास किए जाएंगे। लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन को जंक्शन बनाने की हरसंभव कोशिश की जाएगी।
सुदर्शन गुप्ता, विधायक, क्षेत्र क्रमांक-1

गरीबों के लिए बनाएंगे 25 हजार सस्ते मकान
हाउसिंग बोर्ड सियागंज में सुविधाजनक आधुनिक मार्केट विकसित करने जा रहा है। गरीबों के लिए 25 हजार सस्ते मकान उपलब्ध कराएंगे। आवास समस्या दूर करने की योजनाओं पर तेजी से काम करेंगे।
कृष्णमुरारी मोघे, अध्यक्ष, मप्र गृह निर्माण मंडल

फोरम में आए नौ सुझाव, जिन पर काम करने की जरूरत

1- स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर से पहले करिकुलम में सुधार करना होगा। शिक्षक खड़ा होकर पढ़ा रहा है और बच्चे सामने बैठे सुन रहे हैं, अब इस तरह का शिक्षण संभव नहीं है। शिक्षा में सामाजिक सेवा जैसे विषयों को जोड़ना होगा।

2- यदि यातायात सुगम हो तो शहर के किसी भी हिस्से से 25 मिनट के भीतर एयरपोर्ट पहुंचा जा सकता है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या के दवाब में यह संभव नहीं होता। बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए अब शहर में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाने की जरूरत है। यह भविष्य में जनसंख्या के बढ़ते दवाब को कम करने में कारगर होंगे।

3- पुलिस को तकनीकी रूप से और ज्यादा सक्षम होना होगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम होना चाहिए। वीडियो रिकॉर्डिंग खंगालने से आगे बढ़कर ऐसा इंटेलीजेंस सिस्टम विकसित होना चाहिए ताकि अपराधी के शहर में घुसते ही या चोरी की गाड़ी कैमरे में कैद होते ही इमेज रिकॉगनाइजेशन से सूचना मिल जाए।

4- इंदौर में फ्लाइट की संख्या 100 के करीब पहुंच चुकी है और जल्द ही इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू होने जा रही हैं। अब इंदौर को नए टर्मिनल की भी जरूरत है।

5- स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के लिए उपकरणों से पहले प्रशिक्षित स्टाफ की जरूरत है। उपकरण हैं, लेकिन उन्हें ऑपरेट करने वाले उच्च स्तरीय प्रशिक्षित नहीं हैं।

6- सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 27 लाख की आबादी पर 5 हजार पुलिस नाकाफी है। कम्युनिटी पुलिसिंग की जरूरत है। हमारे यहां इनकी संख्या 11 हजार है, जिसे बढ़ाए जाने की जरूरत है।

7- आईटी सिटी बनाने के लिए बड़ी कंपनियों के साथ छोटी कंपनियों और आईटी स्टार्टअप्स को सुविधाएं देने पर जोर देना होगा।

8- सरकारी स्कूलों की बदहाली के बारे में बात करने के बजाए जो है उन्हें ही बेहतर करने की कोशिश करना चाहिए। कम सुविधाओं में कैसे शिक्षा में बेहतर काम हो सकता है, इस पर विचार करना होगा।

9- मेट्रोपोलिटिन बॉडी बनाने की जरूरत है। इसमें विकास से जुड़ी सभी बॉडी शामिल हों, जिससे सभी के बीच सामंजस्य बन सके। इसकी निगरानी कमिश्नर या सचिव स्तर के अधिकारी करें।


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