इंदौर में यह संस्था 18 साल से कर रही गरीब बच्चों और मरीजों की मदद
आशादीप सेवा प्रकल्प ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.शरद पंडित के मुताबिक ट्रस्ट स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ समाजसेवा से भी जुड़ा है
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि : स्कीम 78 अरण्य नगर स्थित आशादीप हॉस्पिटल से जुड़ा है आशादीप सेवा प्रकल्प ट्रस्ट। 2000 में बना यह ट्रस्ट न सिर्फ गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज उपलब्ध कराता है बल्कि स्कूली छात्रों की सेहत का ध्यान भी रखता है। गरीब लोगों के लिए ट्रस्ट द्वारा अन्नाक्षेत्र भी संचालित किया जाता है ताकि कोई गरीब भूख की वजह से दम न तोड़े। इस ट्रस्ट से शहर के जानेमाने डॉक्टर, समाजसेवी और उद्योगपति जुड़े हैं।
ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.शरद पंडित के मुताबिक ट्रस्ट स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ समाजसेवा से भी जुड़ा है। आशादीप अस्पताल के माध्यम से गरीब मरीजों को मुफ्त और न्यूनतम दर पर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। अस्पताल क्षेत्र में ही एक अन्न् क्षेत्र संचालित किया जाता है। हर रोज दर्जनों लोग इसका लाभ लेते हैं। यह सभी के लिए खुला है। बड़ी संख्या में गरीब और निर्धन लोग इसका लाभ लेते है। ट्रस्ट प्राथमिकता के आधार पर स्कूलों में ज्ञानोदय कार्यक्रम चलता है।बच्चों को स्वास्थ्य शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाया जा रहा ज्ञानोदय कार्यक्रम लगातार सफल रहा है।
ट्रस्ट अलग-अलग क्षेत्र के लोगों की टीम बनाकर स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को स्वास्थ्य चिकित्सा संबंधी जानकारी देता है। इसके अलावा यह ट्रस्ट जलसंवर्धन के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। अब तक 375 सत्र हो चुके हैं। इनमें करीब 85 हजार बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है। ज्ञानोदय कार्यक्रम के पहले बच्चे से संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से क्वीज भी आयोजित की जाती है। इसके अलावा ट्रस्ट द्वारा तंग बस्तियों में समय-समय पर निशुल्क स्वास्थ्य कैंप आयोजित किए जाते हैं।
रोचक तरीके से बच्चों को देते हैं जानकारी
डॉ.पंडित ने बताया कि स्कूल संचालक ट्रस्ट को बताते हैं कि ज्ञानोदय कार्यक्रम से बच्चों को बहुत फायदा हो रहा है। कार्यक्रम को रोचक बनाने के उद्देश्य से आयोजित होने वाली क्वीज में सवालों के माध्यम से बच्चों को अच्छे स्वास्थ्य के फायदे और छोटी-छोटी सावधानियों को रखकर बीमारी को टालने की टिप्स बताई जाती है। टीम के सदस्य बच्चों को रोचक किस्सों के जरिए जानकारी देते हैं। डॉ.पंडित के मुताबिक लगातार 18 साल से यह सिलसिला जारी है। ट्रस्ट के सदस्य लगातार इसमें अपनी हिस्सेदारी देते हैं।