Move to Jagran APP

विदेश की नौकरी छोड़ शिक्षा व्यवस्था को बेहतर कर रहे हैं अर्पित

अर्पित का कहना है कि वे देश के लिए काम करना चाहते हैं इसलिए यहीं आकर खुद की आईटी कंपनी सेरोसॉफृट टेक्नोलॉजी शुरू की।

By Krishan KumarEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 06:00 AM (IST)
विदेश की नौकरी छोड़ शिक्षा व्यवस्था को बेहतर कर रहे हैं अर्पित

इंदौर, जएनएन। आईआईएम कोलकाता से पासआउट होने के बाद शहर के अर्पित बड़जात्या इंजीनियरिंग करने विदेश चले गए थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद वहां उन्हें लाखों रुपए की नौकरी भी मिल गई, लेकिन कुछ समय नौकरी करने के बाद वे शहर वापस लौट आए।

loksabha election banner

अर्पित का कहना है कि वे देश के लिए काम करना चाहते हैं इसलिए यहीं आकर खुद की आईटी कंपनी सेरोसॉफृट टेक्नोलॉजी शुरू की। शुरुआत में कंपनी ने कई क्षेत्रों को सेवा दी, लेकिन बाद में बेहतर शिक्षा सेवाएं देने के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाए गए। दुनियाभर के 10 देशों से ज्यादा में अर्पित शिक्षा को बेहतर करने के लिए टेक्नोलॉजी दे रहे है। अर्पित ने बताया कि वे शहर के एनजीओ के साथ मिलकर गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। हर साल शहर के पांच से ज्यादा सरकारी स्कूलों के बच्चों को किताबें और भोजन की व्यवस्था करते है।

शहर की कंपनियों के एचआर को बुलाकर मीटिंग कराई जाती है। इससे कंपनियों की पॉलिसी को और बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। सीएसआर के तहत स्कूल और कॉलेजों में सेमिनार लेने के लिए जाते हैं। इसमें सायबर क्राइम से बचने के लिए लेक्चर दिए जाते हैं। कुछ जरूरतमंद बच्चों की फीस भी कंपनी देती है। शिक्षा से संबंधित अगर कोई भी मदद स्कूल या प्रशासन को चाहिए होती है तो उन्हें मदद करते हैं।

इस समय सरकारी शिक्षण संस्थानों की वेबसाइट को बेहतर करने का काम कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए कंपनी खुद ऐसे संस्थानों को तलाशती है जो टेक्नोलॉजी स्तर पर कमजोर होते हैं। वेबसाइट सालों से अपडेट नहीं होती है या सुविधाजनक नहीं होती है। प्रदेश के सबसे बड़े ऑटोनोमस इंजीनियरिंग संस्थान एसजीएसआईटीएस के सिस्टम को ऑनलाइन करने का काम भी अर्पित बड़जात्या और उनकी टीम कर रही है। इसका 90 फीसदी काम हो चुका है। सिस्टम पूरा होने के बाद यह प्रदेश का पहला ऐसा सिस्टम होगा जिससे संस्थान का ज्यादातर डाटा जुड़ा रहेगा।

इससे मैन्युअल काम पूरी तरह खत्म हो जाएगा। अर्पित का कहना है कि सरकारी स्कूल जिन्हें बच्चों के लिए कुछ साधन चाहिए होते हैं उन्हें उपलब्ध कराते हैं। सरकारी शिक्षण संस्थान जो जरूरतमंद बच्चों के लिए काम कर रही है उन्हें निशुल्क टेक्नोलॉजी सुविधाएं भी दे रहे हैं। एप के माध्यम से भी छात्रों को घर बैठे शिक्षण सामग्री पहुंचाने का काम अर्पित और उनकी टीम कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.