जीवनभर काम आए ऐसे साधन उपलब्ध करा रहे हैं अमित धाकड़
अमित का मानना है कि समाज के जरूरतमंदों को एक बार दान देने से अच्छा है ऐसा काम किया जाए जिससे की उन्हें जीवनभर फायदा मिलता रहे।
शहर के शिक्षाविद और बिजनेसमैन अमित धाकड़ समाज के जरूरतमंद बच्चों के लिए अनोखा काम कर रहे हैं। बैंगलुरु और हैदराबाद की आईटी कंपनियों से निकलने वाले पुराने कम्प्यूटर सिस्टम खरीदकर सरकारी स्कूलों में स्थापित करवा रहे हैं। इन कम्प्यूटर सिस्टम को समय-समय पर अपडेट भी करा रहे हैं। उनका मानना है कि समाज के जरूरतमंदों को एक बार दान देने से अच्छा है कि ऐसा काम किया जाए जिससे की उन्हें जीवनभर इसका फायदा मिलता रहे। सामाजिक आयोजनों में श्रीफल और अन्य सामग्री वितरित करने के बजाए वे सामाजिक संस्थानों को नगद राशि उपलब्ध करा रहे है।
हाल ही में इंदौर कैंसर फाउंडेशन को सामाजिक आयोजनों से बचाई गई राशि दी गई है। प्रदेश के जिन छात्रों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है, उन्हें कम्प्यूटर शिक्षा और भाषा सुधारने का काम कर रहे हैं। शहर के करीब 60 बिजनेसमैन और समाज के लोग मिलकर हर शनिवार और रविवार को स्कूल-कॉलेजों में जाकर उन्हें बेहतर नौकरी मिल सके इसके लिए काम कर रहे हैं। स्किल डेवलपमेंट की कक्षाएं स्कूलों में लगा रहे हैं।
एमएसएमई की जरूरतों को देखकर छात्रों को इंडस्ट्रीज में ले जा रहे हैं और उन्हें एक से दो महीने की निशुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है। शांति फाउंडेशन नाम से संस्था बनाई गई है। इसमें शहर के कई बिजनेसमैन और सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े हैं। जहां भी आर्थिक और सामाजिक मदद चाहिए होती है फाउंडेशन के लोग मिलकर प्रयास कर रहे हैं। शिक्षा के क्षेत्र में आईटीआई, पॉलिटेक्निक और अन्य संस्थानों के छात्रों को करियर गाइडेंस भी दिया जा रहा है।
अमित धाकड़ का मानना है कि कई छात्र डिग्री और डिप्लोमा कर तो लेते हैं, लेकिन जब इंडस्ट्रीज़ में काम करने के लिए पहुंचते हैं तो वे सफल नहीं हो पाते हैं। ऐसे छात्रों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। बाहर से शहर में पढ़ने आने वाले छात्रों को फीस, हॉस्टल, खाने और अन्य तरह की व्यवस्था भी की जाती है। फाउंडेशन से कई इंडस्टीज संचालक जुड़े हैं। इनकी बैठकों में कई बार यह बात सामने आती है कि जिस तरह के कर्मचारी उन्हें चाहिए होते हैं वे बहुत मुश्किल से मिल पाते हैं। इसके लिए सभी ने मिलकर युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए मंच बनाया है। शहरभर के जरूरतमंद युवाओं की लिस्ट बनाई गई है। जब भी किसी इंडस्टीज को कर्मचारी की जरूरत होती है वे पहले उन लोगों को वरीयता देते हैं जिन्हें नौकरी की ज्यादा जरूरत रहती है। स्कूल-कॉलेज के शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की गई है। समय-समय पर सेमिनार, वर्कशॉप करके शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए काम किया जा रहा है।