अफीम तस्करी के मामले पर सवाल, मंदसौर एसपी हाई कोर्ट में पेश, कहा- केस फर्जी नहीं, लेकिन प्रक्रिया गलत, TI सहित छह पुलिसकर्मी निलंबित
मंदसौर एसपी ने हाईकोर्ट में स्वीकार किया कि ड्रग्स तस्करी मामले में युवक की गिरफ्तारी का तरीका गलत था, लेकिन केस पूरी तरह से फर्जी नहीं है। इस मामले म ...और पढ़ें

हाइकोर्ट में पुलिस की तरफ पेश सीसीटीवी फुटेज, जिसमें युवक (सफेद टीशर्ट में) बैग को पीठ पर लटकाए दिख रहा है। - वीडियो ग्रेब
डिजिटल डेस्क, इंदौर। जिस मल्हारगढ़ थाने को हाल ही में श्रेष्ठ अनुसंधान और मामलों के त्वरित निवारण के लिए देशभर में नौवां स्थान मिला था वहीं के पुलिसकर्मियों द्वारा अफीम तस्करी के फर्जी केस में नाबालिग को फंसाने के मामले में मंदसौर एसपी विनोद कुमार मीना मंगलवार को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में पेश हुए।
उन्होंने कोर्ट में कहा कि अफीम तस्करी का केस फर्जी नहीं है लेकिन थाने के पुलिसकर्मियों ने गलत प्रक्रिया अपनाई। आरोपित सोहनलाल के बैग से ही अफीम बरामद की गई थी। जांच कर रहे पुलिसकर्मियों ने सही प्रक्रिया का पालन नहीं करने के साथ सही जानकारी भी प्रेषित नहीं की। जो लोग बस से छात्र को उतार रहे हैं वे सादी वर्दी में पुलिसकर्मी होना भी कोर्ट के समक्ष स्वीकारा।
पुलिस ने सरकारी वकील के माध्यम से सीसीटीवी फुटेज भी पेश किए, जिसमें आरोपित पीठ पर बैग टांगे दिखा। मामले में सही प्रक्रिया नहीं अपनाए जाने को लेकर निरीक्षक राजेंद्र पंवार, उप निरीक्षक साजिद मंसूरी, संजय प्रतापसिंह व आरक्षक नरेंद्र, जितेंद्र, दिलीप जाट को निलंबित कर दिया है। एसपी ने कोर्ट को यह भी बताया कि मामले की विभागीय जांच एएसपी तेरसिंह बघेल कर रहे हैं। जस्टिस सुबोध अभयंकर ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
यह है मामला
दरअसल, मल्हारगढ़ पुलिस ने अगस्त 2025 में आरोपित सोहनलाल कंचन मिरासी ग्राम विरमोणी सारणो की ढाणी जिला बालोतरा (राजस्थान) को गिरफ्तार कर उसके पास से 2.50 किलो अफीम जब्त की थी। सोहनलाल ने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। पांच दिसंबर को सुनवाई में मल्हारगढ़ पुलिस ने बस के सीसीटीवी फुटेज पेश किए, जिसमें सादी वर्दी में तीन पुलिसकर्मी सोहनलाल को साथ लेकर उतार रहे हैं।
बचाव पक्ष ने बस मालिक का हलफनामा पेश किया, जिसमें बस के सीसीटीवी फुटेज नहीं होने का दावा किया गया। एक सीसीटीवी फुटेज भी पेश किया, जिसमें आरोपित की पीठ पर वही बैग दिख रहा है। न्यायाधीश ने नौ दिसंबर को सोहनलाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी कर एसपी विनोद कुमार मीना को तलब कर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा था।

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