इंजीनियर के बेटे ने रचा खुद के अपहरण का ड्रामा, पिता को करवाया 50 लाख फिरौती का फोन, 24 घंटे में पर्दाफाश
मंदसौर में इंजीनियर के बेटे हर्षल ने कर्ज चुकाने के लिए दोस्तों संग अपने अपहरण का नाटक रचा। उसने पिता से 50 लाख की फिरौती मंगवाई। पुलिस ने 24 घंटे में मामले का खुलासा किया और हर्षल व उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने तकनीकी सहायता से आरोपियों को पकड़ा। दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

हर्षल ने दोस्त से करवाया फिरौती के लिए फोन।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। मप्र के मंदसौर जिले में लोक निर्माण विभाग, गरोठ में पदस्थ इंजीनियर कमल जैन के पुत्र हर्षल जैन के अपहरण की गुत्थी पुलिस ने 24 घंटे भीतर सुलझा दी है। पुलिस ने जब पूरे मामले का खुलासा किया तो सहसा किसी को यकीन नहीं हुआ कि इस पूरे अपहरण कांड का मास्टरमाइंड खुद हर्षल जैन ही है।
दरअसल हर्षल पर लाखों रुपये का कर्ज था, जिसे चुकाने के लिए उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर अपने अपहरण का झूठा ड्रामा रचा। पर पुलिस अधिकारी उससे ज्यादा तेज निकले और उसके दोस्त को पकड़ लिया। इससे पूरा भेद खुल गया। अब इंजीनियर पुत्र व दोस्त पुलिस की गिरफ्त में हैं। वहीं दो आरोपियों की तलाश है।
एसपी विनोद कुमार मीना ने बताया कि गुरुवार शाम को लोक निर्माण विभाग गरोठ में इंजीनियर कमल जैन निवासी शामगढ़ को उनके पुत्र के मोबाइल से काल कर पुत्र 26 वर्षीय हर्षल जैन का अपहरण करने की सूचना दी थी और 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी।
सात टीमें खोजबीन में जुटीं
कमल जैन इसके बाद शामगढ़ थाने पहुंचे और पुत्र के अपहरण का प्रकरण दर्ज कराया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी ने गरोठ एएसपी हेमलता कुरील, मल्हारगढ़ एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी, सीतामऊ एसडीओपी दिनेश प्रजापति के नेतृत्व में सात टीमों का गठन किया गया। इसमें शामगढ़, वायडी नगर, नारायणगढ़, मल्हारगढ़, सीतामऊ थाने के बल शामिल किए गए।
जुटाए तकनीकी साक्ष्य
मल्हारगढ़ एसडीओपी नरेंद्र सोलंकी की टीम में तकनीकी डिटेल एकत्र करना शुरु किया। इसमें साइबर सेल के माध्यम से अपहृत हर्षल जैन के संबंध में तकनीकी जानकारी जुटाई गई। इसमें मोबाइल नंबर की लोकेशन, वाहन नंबर, फास्टेग की पूरी जानकारी ली गई। हर्षल के दोस्तों, उनके व्यवसाय के संबंध में भी पूरी जानकारी एकत्र की गई। मोबाइल जब आखिरी बार बंद हुआ तो उसकी लोकेशन कोटा के आगे बूंदी जिले के हिंडोली की मिली थी।
कोटा में जाकर पुलिस को पता चला कि हर्षल जैन का मित्र 19 वर्षीय गणपतसिंह पुत्र महेंद्रसिंह हाड़ा हिंडोली तहसील के ग्राम सलमपुर का रहने वाला है। हर्षल व गणपत कोटा में साथ ही रहते थे और एक कैफे ‘देशी चाय का ठेका’ भी चलाते हैं। इसके अलावा हर्षल वहां कूलर स्टैंड की फैक्टरी भी चला रहा था।
पुलिस गणपतसिंह हाड़ा तक पहुंच गई। उसके बाद कोटा से ही हर्षल भी मिल गया। और पूरी कहानी का राजफाश हो गया।
कोटा में फैक्ट्री का काम चल रहा
हर्षल जैन के संबंध में सारी जानकारी एकत्र करने के बाद इनकी कडि़या पिरोई गई। हर्षल राजस्थान के कोटा में कूलर की जाली बनाने का कार्य प्रारंभ करने वाला था। उसकी फैक्ट्री का काम चल रहा है। मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस की अलग-अलग टीमें राजस्थान के कोटा, बूंदी, हिंडोली एवं अन्य संभावित जगहों पर दबिश देती रही। तभी पता चला कि हर्षल जैन का सबसे अच्छा मित्र गणपतसिंह उसके साथ कोटा में रहता है। गणपत हिंडोली व कोटा में नहीं मिला। उसकी तलाश में किसी तरह वह मिल गया।
कर्ज में डूबा था हर्षल
गणपतसिंह ने बताया कि हर्षल के ऊपर भी लाखों रुपये का कर्ज था जिसे चुकाने के लिए दोनों ने मिलकर योजना बनाई। इसमें गणपसिंह के दो दोस्तों जनरेलसिंह पुत्र सुखविंदरसिंह निवासी बालोला तह. हिंडोली व 22 वर्षीय कुलदीप पुत्र राजुलाल कहार निवासी ग्राम अमरतिया चौराहा दोनों जिला बूंदी(राज.) को भी शामिल कर लिया। इसके बाद गुरुवार सुबह हर्षल अपने घर से निकला और मोबाइल बंद कर लिया। शाम को उसके मोबाइल से ही दोस्तों ने अपहरण करने की सूचना पिता कमल जैन को देकर कहा कि 50 लाख रुपये की व्यवस्था कर लो। फिर रात में फोन इसलिए नहीं लगाया कि पुलिस की हलचल देखने के बाद शुक्रवार को वापस करेंगे। इससे पहले ही पुलिस उन तक पहुंच गई।
अभी पुलिस ने हर्षल व गणपतसिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जनरेलसिंह और कुलदीप कहार की तलाश है। इनकी योजना फिरौती की राशि लेकर आपस में बांटने की थी।

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