इंदौर में 27 वर्ष से बिना वीजा रह रहा केन्याई नागरिक, डीएवीवी से की पढ़ाई, हिंसक पोस्ट्स से बढ़ी पुलिस की टेंशन
इंदौर पुलिस ने किरायेदारों की जांच के दौरान एक केन्याई नागरिक, रिचर्ड के 27 वर्षों से बिना वीजा के शहर में रहने का खुलासा किया। वह 1991 से इंदौर में है और डीएवीवी से बीकॉम किया है। 1998 में उसका वीजा खत्म हो गया था। सोशल मीडिया पर उसकी हिंसक पोस्ट्स ने पुलिस की चिंता बढ़ा दी है। मामला कोर्ट में लंबित है।

बगैर वीजा रह रहे विदेशी नागरिक को लेकर पुलिस सतर्क (प्रतीकात्मक चित्र)
डिजिटल डेस्क, इंदौर। दिल्ली में हाल ही में हुए धमाके के बाद इंदौर पुलिस शहर भर में सख्ती से किरायेदारों की जानकारी जुटा रही है। इसी जांच के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक केन्याई नागरिक रिचर्ड मयाका स्वान्या पिछले 27 वर्षों से बिना वीजा इंदौर में रह रहा है।
रिचर्ड, मूल निवासी नियामाचे (केन्या), एमआईजी क्षेत्र के शिवशक्ति नगर में किराए पर रह चुका है और डीएवीवी से बीकॉम की पढ़ाई भी कर चुका है। पुलिस की जांच में सामने आया कि वह सोशल मीडिया पर कई आपत्तिजनक और हिंसक पोस्ट भी साझा करता रहा है। इनमें खून-खराबे वाले वीडियो और ‘युगांडा भले ही चारों ओर से घिरा हो, हिंद महासागर भी हमारा है’ जैसी उकसाने वाली पोस्ट शामिल हैं।
1991 से इंदौर में ठिकाना
पुलिस के मुताबिक रिचर्ड 1991 से इंदौर में रह रहा है। 2018 में जब वह शिवशक्ति नगर में कन्हैयालाल गौर के घर में रहता था, तब जांच में पता चला कि उसका वीजा 1998 में ही समाप्त हो चुका था। उसे गिरफ्तार कर पासपोर्ट और दस्तावेज जब्त किए गए थे। कोर्ट ने शहर न छोड़ने की शर्त पर जमानत दी थी। मामला अब भी लंबित है और अगली सुनवाई 28 अप्रैल 2026 को निर्धारित है।
वकील ने दी सफाई
केन्याई नागरिक के वकील वाजिद खान के मुताबिक, रिचर्ड ने 2019 में कोर्ट से पासपोर्ट सुपुर्दगी पर प्राप्त कर लिया था। उसने वीजा और पासपोर्ट की अवधि बढ़ाने की कोशिश भी की, लेकिन सफलता नहीं मिली। वर्तमान में वह शेखर कुशवाह के घर में रह रहा है और पुलिस को इसकी जानकारी दे दी गई है।

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