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    165 केस में दो गवाह... गजब है इंदौर पुलिस! सुप्रीम कोर्ट ने टीआई को फटकारा- ‘तुम उस कुर्सी के लायक नहीं’

    By Mukesh MangalEdited By: Ravindra Soni
    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:18 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट में इंदौर पुलिस की लापरवाही उजागर हुई, जहाँ एक साल में 165 मामलों में दो लोगों को 'पॉकेट गवाह' बनाया गया। न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल ...और पढ़ें

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    सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर पुलिस को लगाई फटकार।

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। सुप्रीम कोर्ट में इंदौर पुलिस की बड़ी करतूत उजागर हो गई। एक साल में दर्ज 165 केसों में दो लोगों को ‘पाकेट गवाह’ बनाया गया। इस पर न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने थाना प्रभारी (टीआई) इंद्रमणि पटेल को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, ‘तुम दुर्भाग्य से उस कुर्सी पर बैठे हो, तुम्हें वहां नहीं होना चाहिए। यह हमारी आत्मा की पीड़ा है।’ सिर झुकाए खड़े टीआई पर तल्ख टिप्पणियों से पूरा कोर्ट रूम सन्न रह गया।

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    न्याय व्यवस्था की रीढ़ हिला देने वाला यह मामला उस समय हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट में इंदौर के चंदूवाला रोड़ (चंदन नगर) निवासी अनवर हुसैन की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। इस मामले में भी टीआई ने गलत जानकारी दी थी। सुनवाई के दौरान उपस्थित हुए कानून के छात्र असद अली वारसी ने टीआई की ‘गवाह फैक्टरी’ की पोल खोल दी।

    असद के वकील ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि टीआई बेगुनाहों को फंसाने के लिए फर्जी मुकदमे लगाते हैं। उन्होंने 23 अक्टूबर 2023 से 23 अक्टूबर 2024 में दर्ज हुए 165 आपराधिक मुकदमों की सूची सौंपी, जिसमें सलमान कुरैशी और आमिर रंगरेज को गवाह बनाया गया है। इनका नाम हर केस में कट-पेस्ट कर गवाह के रूप में दर्ज कर दिया जाता है।

    ‘सिर झुकाने से कुछ नहीं होगा, आप जिंदगी से खेल रहे…’

    फर्जी मामलों का ऐसा पैटर्न देख न्यायमूर्ति ने कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट रूम में सन्नाटा पसर गया और टीआई ने क्षमा मांगते हुए शर्म से सिर झुका लिया। न्यायमूर्ति ने कहा, ‘क्या वो गवाह 24 घंटे आपके साथ रहते हैं? पुलिस स्टेशन के सामने दुकान है क्या? लगता है मौका-ए-वारदात पर बैठे रहते हैं। आपको पता है, आप किसी की जिंदगी से खेल रहे हैं। ऐसे लोग बदकिस्मती से उस पोजिशन पर हैं। उन्हें नहीं होना चाहिए। एक एसएचओ लोगों के प्रोटेक्शन के लिए होता है, लेकिन आप ऐसा काम कर रहे हैं। सिर झुकाने से कुछ नहीं होगा। शरीफ बनने से कोई फायदा नहीं है। लोग आपका आतंक समझ रहे हैं।’

    एनडीपीएस एक्ट, अवैध शराब और हथियार जब्ती जैसे केस

    असद ने सुप्रीम कोर्ट में बाकायदा अपराध क्रमांक, धारा, कायमीकर्ता और थाना प्रभारी की सूची सौंपी है। दर्ज प्रकरण में प्रधान आरक्षक से लेकर एसआई (कायमीकर्ता) तक का नाम है। शराब तस्करी, हथियार जब्ती, रासुका, जुआ जैसे प्रकरण हैं, जिनमें सलमान पुत्र जुल्फिकार कुरैशी, निवासी नाला पार, चंदननगर और आमिर पुत्र उस्मान रंगरेज, निवासी आमवाला रोड़, चंदन नगर का नाम गवाह के रूप में लिखा है। कई प्रकरण ऐसे हैं, जिनमें गवाह के रूप में दोनों साथ हैं। कई में कुछ अलग नाम भी हैं। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद जोन-4 के डीसीपी आनंद कलादगी जवाब बना रहे हैं।