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    फीफा विश्व कप तक पहुंचे इंदौर के एसी कूलर, शुद्ध हवा पहुंच रही घर और दफ्तर में

    By Jagran NewsEdited By: Sanjay Pokhriyal
    Updated: Sat, 19 Nov 2022 03:23 PM (IST)

    Vocal for Local प्रणव मोक्षमार का कहना है कि हमारी शुरुआत इंदौर से हुई है। इस समय देश के सभी प्रमुख शहरों में यहां से एसी बनाकर दे रहे हैं। इनका उपयोग सबसे ज्यादा कार्पोरेट क्षेत्र में हो रहा है।

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    Vocal for Local: इंदौर के स्टार्टअप वायु ने प्राकृतिक एयर कंडीशनर (एसी) तैयार किया है

    गजेन्द्र विश्वकर्मा, इंदौरः दुनियाभर में ग्रीन एनर्जी को लेकर कार्य हो रहा है। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए भारत सहित सभी देश कम से कम ऊर्जा का उपयोग करने पर जोर दे रहे हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के उत्पाद स्टार रेटिंग के माध्यम से ऊर्जा की कितनी बचत होगी यह दर्शा देते हैं लेकिन स्थानीय कंपनिया भी इस दिशा में बेहतर कार्य कर रही हैं। इंदौर के एक स्टार्टअप ने भी ऐसा उत्पाद तैयार किया है जिसमें 80 फीसदी तक बिजली बच रही है। इंदौर के स्टार्टअप वायु ने प्राकृतिक एयर कंडीशनर (एसी) तैयार किया है जिसकी मांग अब देश ही नहीं विदेशों में भी होने लगी है।

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    हाल ही में नाइजेरिया से स्टार्टअप को करीब 45 लाख रुपये के आर्डर मिले थे और अब कतर में हो रहे फीफा विश्व कम में भी इंदौर में तैयार हुए एयर कंडीशनर कार्य कर रहे हैं। फीफा विश्व कम के अंदर बने कैफेटेरिया पूरी तरह स्टार्टअप वायु के एयर कंडीशनर से लैस है। कम से कम बिजली में संचालित होने वाले एसी तैयार करने के बाद इसका पेटेंट भी वायु के संस्थापक डा. प्रियंका मोक्षमार और प्रणव मोक्षमार ने अपने नाम पर कर लिया है। शोध करने के बाद तैयार किए गए इस उत्पाद की जानकारी संस्थापक कुछ महीने पहले उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) और स्टार्टअप इंडिया द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी दे चुके हैं।

    शोध कर किया उत्पाद तैयार ताकि सभी को मिले लाभ

    डा. प्रियंका ने बताया कि हमने पहले शोध कर एसी तैयार किया फिर 2015 में इसे बाजार में लाने के लिए स्टार्टअप की शुरुआत की। हमने इस समय बाजार में उपलब्ध एसी के नुकसान को देखते हुए ऐसा उत्पाद तैयार किया है जो इस समय के एसी के मुकाबले केवल 10 से 20 फीसदी बिजली का उपयोग करता है। ऐसे में करीब 80 फीसदी बिजली इससे बचाई जा रही है। ग्रीन एनर्जी पर आधारित उत्पादों के रंग तय करने की जरूरत है ताकि जब भी कोई बाजार में उत्पाद खरीदने जाए तो उन्हें पता लग सके कि कौन सा उत्पाद ग्रीन एनर्जी पर आधारित है। डा. प्रियंका का कहना है कि हमने शुरुआत में खुद से करीब डेढ़ करोड़ रुपये का निवेश स्टार्टअप में किया था। इसके बाद राज्य सरकार से एक करोड़ रुपये और मध्य प्रदेश फाइनेंशियल कार्पोरेशन से ढाई करोड़ रुपये लोन लिया था। हम ऐसा उत्पाद लाना चाहते थे जो देश ही नहीं दुनिया की जरूरत बने।

    वायु के संस्थापक डा. प्रियंका मोक्षमार और प्रणव मोक्षमार

    शुद्ध हवा दफ्तर और घर में पहुंच रही है

    प्रणव मोक्षमार का कहना है कि हमारी शुरुआत इंदौर से हुई है। इस समय देश के सभी प्रमुख शहरों में यहां से एसी बनाकर दे रहे हैं। इनका उपयोग सबसे ज्यादा कार्पोरेट क्षेत्र में हो रहा है। एसी कूलर की तरह है। इसमें छोटे कंम्प्रेशर लगाए गए हैं जिसकी सहायता से एसी के तीनों ओर लगी जाली पर ठंडा पानी गिरता है और पंखे के माध्यम से ठंडी हवा दफ्तर या अन्य क्षेत्रों में पहुंचती है। इससे कार्बन का उत्सर्जन भी कम से कम होता है। प्रणव का कहना है कि हम इसके उपयोग को लेकर सभी को जागरूक भी कर रहे हैं और व्यवसाय को भी गति दे रहे हैं ताकि जल्द आइपीओ लांच कर उत्पादों का उत्पादन और तेजी से कर सकें।

    कूलर और एसी की मिश्रित तकनीक

    एसी में एक ही कंप्रेशर होता है जो छोटे-छोटे पाइप के भीतर बहने वाली गैस की वजह से उक्त क्षेत्र को ठंडा करता है, लेकिन इस ऐसी कूलर में हवा और ठंडे पानी की तकनीक का उपयोग होता है। इसमें छोटे-छोटे कई कंप्रेशर इस्तेमाल होते हैं। ये पानी और हवा को ठंडा करते हैं और बाहर की हवा को भीतर पहुंचाते हैं। कंप्रेशर छोटा रहने और तापमान की आटोमेशन तकनीक में बदलाव से इसमें उर्जा का उपयोग कम होता है और लागत भी कम हो जाती है।