दो मासूमों को ट्रेन में छोड़कर भागा शराबी पिता, यात्रियों ने बिलखता देख आरपीएफ को दी सूचना, एक हफ्ते बाद मिला परिवार
एक शराबी पिता ने अपनी दो मासूम संतानों को ट्रेन में अकेला छोड़ दिया। यात्रियों ने बच्चों को रोता देख आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ ने बच्चों को सुरक्षित कर परिवार की तलाश शुरू की। एक सप्ताह बाद, आरपीएफ ने परिवार को ढूंढ निकाला और बच्चों को उन्हें सौंप दिया। यात्रियों और आरपीएफ की तत्परता से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

बच्चों को उनके परिवार से मिलवाया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। शराब के रुपये नहीं मिलने पर एक कलियुगी पिता अपने दो मासूम बच्चों को ट्रेन में अकेला छोड़कर भाग गया। ट्रेन में बच्चों को रोता-बिलखता देख यात्रियों ने आरपीएफ को सूचना दी। आरपीएफ ने बच्चों को बुरहानपुर में ट्रेन से उतारा और सीडब्ल्यूसी के सुपुर्द कर दिया। वहां से दोनों बच्चों को खंडवा के किलकारी शिशु गृह भेजा गया। किलकारी में जब बच्चों की काउसिलिंग की, तब जाकर उनके स्वजन का पता चला। इसके बाद बच्चों के स्वजन से संपर्क साधा गया और खंडवा आरपीएफ की मदद से बच्चों को परिवार के सुपुर्द किया गया। इस दौरान बच्चे सात दिन तक परिवार से दूर रहे।
मां का हो चुका निधन
किलकारी शिशु गृह खंडवा की अधीक्षक दीपमाला विद्धानी ने बताया कि पांच नवंबर को बुरहानपुर आरपीएफ को चार और सात वर्ष के दो बालक ट्रेन में लावारिस अवस्था में मिले। इनकी मां ने करीब तीन साल पहले फांसी लगा ली थी। पिता बच्चों को ध्यान नहीं रखता और शराब का सेवन करता है। पिता के परिवार के लोग अच्छे परिवार से हैं और खंडवा जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनका फूलों की खेती का कार्य भी है।
जबरन पैसे वसूलता था पिता
पिता शराब का आदी था। वह बच्चों की दादी और नाना पर दबाव डालकर अक्सर रुपये वसूलता रहता था। उन रुपयों से शराब पी जाता था। बच्चों के नाना भोपाल में रहते है। कुछ दिन पहले वह दोनों बच्चों के साथ भोपाल पहुंचा और बच्चों के लिए रुपये मांगे। नहीं देने पर भोपाल से बच्चों के साथ पांच नवंबर को ट्रेन कामायनी एक्सप्रेस से खंडवा आने के लिए निकला था। लेकिन बच्चों को ट्रेन में छोड़कर भाग गया। यात्रियों ने जब ट्रेन में बच्चों को अकेला देखा तो आरपीएफ से संपर्क किया। ट्रेन के बुरहानपुर पहुंचने पर आरपीएफ ने बच्चों को उतारा।
बच्चों को शिशु गृह में भेजा
बच्चों को आरपीएफ ने सीडब्ल्यूसी बुरहानपुर के समक्ष प्रस्तुत किया। बच्चों का मेडिकल करवाकर किलकारी शिशु गृह, खंडवा भेजने का आदेश दिया गया। आरपीएफ के जवान बच्चों को लेकर खंडवा आरपीएफ टीआइ के साथ किलकारी पहुंचे। किलकारी में बच्चे करीब सात दिन तक रहे। काउंसलिंग के जरिए बच्चों से उनके परिवार के बारे में पता चला। इसके बाद आरपीएफ के सहयोग से उनके परिवार को खोजा गया। 12 नंवबर को बच्चों को परिवार के सुपुर्द किया गया।

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