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    Digital Arrest: इंदौर में मनी लांड्रिंग का भय दिखाकर सेवानिवृत्त अधिकारी से 4.32 करोड़ की ठगी, साइबर सेल ने दलाल-पैडलर सहित तीन को पकड़ा

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 04:08 PM (IST)

    इंदौर में एक सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी को साइबर ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 4.32 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने TRAI अधिकारी बनकर फोन किया और 538 करोड़ के घोटाले में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने पुलिस और जज बनकर वीडियो कॉल पर पूछताछ की और संपत्ति का सत्यापन करने के नाम पर पैसे वसूल लिए। साइबर सेल ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

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    जालसाज ने सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर की ठगी। (प्रतीकात्मक चित्र)

    डिजिटल डेस्क, इंदौर। शहर में रहने वाले एक सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी के साथ चार करोड़ 32 लाख रुपये की हाईप्रोफाइल ठगी का मामला सामने आया है। ठग गैंग ने TRAI अफसर बनकर पीड़ित को काल लगाया और 538 करोड़ के मनी लांड्रिंग केस में लिप्त होने की धमकी दी। बाद में पुलिस, सुप्रीम कोर्ट जज बनकर बात की और एक महीने तक वसूली चलती रही। राज्य साइबर सेल ने मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।

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    एसपी (साइबर) सव्यसाची सर्राफ के अनुसार मूलत: ग्वालियर निवासी 65 वर्षीय पीड़ित पत्नी के साथ इंदौर में रहते हैं। उनके पुत्र विदेश में रहते हैं। 21 सितंबर को ठग ने टेलीफोन रेगुलेटरी अथारिटी (TRAI) अफसर बनकर काल लगाया और कहा कि उनके दो मोबाइल नंबरों का सैकड़ों करोड़ के स्कैम में उपयोग हुआ है।

    ठग ने बाकायदा मोबाइल और आधार कार्ड नंबर बताए और यह भी कहा कि जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा किए 538 करोड़ के गबन में भी उनके बैंक खातों का उपयोग हुआ है और इसके बदले उन्हें करोड़ों रुपयों का कमीशन मिला है। आरोपितों ने गिरफ्तारी, जेल, जांच के नाम पर डिजिटल अरेस्ट किया और वीडियो काल पर ही पूछताछ की। उनसे बैंक खातों में जमा रुपये, एफडी, शेयर, म्युचुअल फंड, ज्वेलरी और प्लाट, मकान व फ्लैट की भी जानकारी ले ली।

    नकली कोर्ट रूम बनाया, वीडियो काल पर पेश हुए पीड़ित

    इसके बाद नकली ईडी और पुलिस अफसरों की एंट्री हुई और पीड़ित से पूछताछ की। उनके विरुद्ध केस चलाने का स्वांग रचा गया और बकायदा कोर्ट रूम दिखाया। उन्हें पेश होने के निर्देश दिए और नकली जज से बात करवाई। इस तरह करीब एक माह तक ठग और पीड़ित के बीच वार्ता चलती रही। ठग ने चल-अचल संपत्ति का सत्यापन करने के नाम पर चार करोड़ 32 लाख रुपये गुजरात, गोवा, उप्र, मप्र, तेलंगाना के खातों में जमा करवा लिए। 

    बैंक अफसरों ने पूछा तो बोले- मुंबई में फ्लैट खरीदना है

    पीड़ित ने इंदौर में खातों में जमा राशि ठग द्वारा बताए खातों में जमा करवा दी। वो ग्वालियर भी गए और लाखों रुपये एक बार में विड्राल किए। शक होने पर बैंक अफसरों ने पूछा तो पीड़ित ने कहा- मुझे मुंबई में फ्लैट खरीदना है। उन्होंने जीवनभर की जमा पूंजी भी ठग को दे दी। इस बीच उनकी बेटे और रिश्तेदारों से बात हुई, पर उनसे भी घटना का जिक्र नहीं कर सके। खाते खाली होने पर होम लोन लेने की प्रक्रिया शुरू की और बैंक अफसरों को बातों ही बातों में बताया तो ठगी का खुलासा हुआ। राज्य साइबर सेल ने तत्काल भारत सरकार के समन्वय पोर्टल एवं टोल फ्री नंबर-1930 पर शिकायत दर्ज कर खातों को फ्रीज करवाया।

    इन्हें किया गिरफ्तार

    पुलिस ने सादिक पुत्र एहसान पटेल निवासी पंथमुंडला विजयागंज मंडी देवास, शाहिद पुत्र सैफुद्दीन खान निवासी जानसापुरा जिवाजीगंज उज्जैन और सोहेल पुत्र मोहम्मद इकबाल निवासी अशोका गार्डन भोपाल को गिरफ्तार किया है। आरोपित सोहेल ठग गिरोह को खातों की सप्लाई करता है। शाहिद और सादिक के खातों में रुपये जमा हुए हैं।