केले के दाम गिरने से बड़वानी में किसानों का फूटा, फसल काटकर मवेशियों को खिलाई
बड़वानी में केले की कीमतें गिरने से किसान परेशान हैं। थोक बाजार में दाम 2 रुपये प्रति किलो तक गिर गए हैं, जबकि लागत 5-6 रुपये है। किसान फसल को मवेशियो ...और पढ़ें

केले की फसल मवेशियों को खिलाई जा रही।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। प्रदेश के बड़वानी में नर्मदा पट्टी के केला उत्पादक किसान इस समय भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। बाजार में केले के दाम रिकॉर्ड स्तर पर गिरकर थोक में सिर्फ 2 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं, जबकि उत्पादन लागत ही 5–6 रुपये प्रति किलो आ रही है। केले के कम दाम मिलने से गुस्साए किसान फसल को काटकर मवेशियों को केले खिला रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे अपनी फसल को खेत से उखाड़कर फेंकने को मजबूर हैं।
मंडी में दाम नहीं, लागत भी नहीं निकल रही
किसानों का कहना है कि हालात इतने खराब हैं कि मजदूरी और परिवहन खर्च तक नहीं निकल पा रहा। ग्राम बगूद के किसान अनिल जाट बताते हैं कि दाम इतने कम हैं कि फसल को खेत से उखाड़कर नष्ट करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।

कई राज्यों तक सप्लाई, फिर भी नहीं मिल रहा मूल्य
यहां पर यह बता दें कि नर्मदा पट्टी में उगने वाला केला राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और दिल्ली तक सप्लाई किया जाता है, लेकिन इस बार मांग कम और बाजार भाव गिरने से किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
किसानों की गुहार, उचित दाम दिए जाएं
किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि उन्हें उचित मूल्य दिलाया जाए, ताकि फसल की लागत निकाल सकें और खेती बचाई जा सके।

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