‘प्रार्थना नहीं की तो मर जाएगी’ - आलीराजपुर में बीमारी ठीक करने के बहाने आदिवासियों को मतांतरण के लिए बहकाया
आलीराजपुर के नानपुर में अवैध मतांतरण का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गरीब आदिवासियों को बीमारी ठीक करने का लालच देकर मतांतरण के लिए बहकाया जा रहा था। पुलिस ने एक घर पर छापा मारा, जहाँ प्रार्थना सभा चल रही थी। मुख्य आरोपी दंपती फरार हैं, और पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। ग्रामीणों ने थाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें शांत कराया।

मतांतरण के प्रयासों पर विरोध जताते ग्रामीण।
डिजिटल डेस्क, इंदौर। प्रदेश के आदिवासी बहुल जिले आलीराजपुर के नानपुर थाना क्षेत्र में अवैध मतांतरण का गंभीर मामला सामने आने पर शनिवार देर शाम हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने एक मकान पर छापा मारा, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष ‘प्रार्थना सभा’ के नाम पर इकट्ठा थे। कार्रवाई होते ही क्षेत्र में तनाव फैल गया और ग्रामीण सड़कों पर उतर आए।
आदिवासियों को बीमारी ठीक करने का लालच?
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गरीब आदिवासी परिवारों को बीमारी ठीक करने का बहाना बनाकर मतांतरण के लिए बहकाया जा रहा था। लोगों ने बताया कि कई बार उन्हें चमत्कार दिखाने और प्रार्थना करने पर रोगमुक्त होने के झांसे दिए गए। विरोध तेज होते ही भीड़ थाने तक पहुंच गई और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
छापे के दौरान पुलिस ने कुछ धार्मिक साहित्य और सामग्री जब्त की, जबकि मुख्य आरोपित दंपती परमबाई तेरसिंह और तेरसिंह अवास्या (पास्टर) पहले ही फरार हो गए।
मरने का दिखाया भय
ग्राम राजावाट मंदिर फलिया निवासी जानु पति बहादुर अवास्या (35) ने दर्ज शिकायत में बताया कि परमबाई ने उसे घर बुलाकर ईसा मसीह की प्रार्थना करने का दबाव डाला। जब उसने खुद को हिंदू बताते हुए इंकार किया, तो कथित तौर पर उसे धमकी दी गई— 'अगर प्रार्थना में नहीं बैठेगी तो मर जाएगी।'
महिला का आरोप है कि इससे पहले भी दंपती कई बार उसका मत परिवर्तन कराने की कोशिश कर चुका है।
प्रकरण दर्ज
शिकायत पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 196, 299, 351(3) और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 5 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस टीम आरोपियों की तलाश में जुटी है।
ग्रामीणों का उग्र विरोध
घटना के बाद क्षेत्र में माहौल तनावपूर्ण हो गया। सैकड़ों ग्रामीण नानपुर थाना परिसर पहुंचकर विरोध जताने लगे। उनका कहना था कि गरीब आदिवासियों को लालच, धोखे और डर दिखाकर धर्म बदलवाना बेहद गंभीर अपराध है और इसके दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
स्थानीय सामाजिक नेता भगत सिंह गाडरिया ने कहा कि आदिवासी समाज ऐसे कृत्यों को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा और इस तरह के छल का एकजुट होकर विरोध करेगा।
पुलिस ने समझाइश देकर शांत कराया
बढ़ते तनाव को देखते हुए पुलिस ने ग्रामीणों को शांत किया और भरोसा दिलाया कि मामले की जांच प्राथमिकता से की जा रही है। अधिकारियों ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही सच सामने लाया जाएगा।

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