Mahakal Lok बनने के बाद 88 से 169 करोड़ हुई महाकाल मंदिर की आय, जानिए कैसे एक प्रोजेक्ट ने संवार दी उज्जैन की तस्वीर
तीर्थाटन क्षेत्र के रूप में विकसित उज्जैन का महाकाल लोक उज्जैन और इसके आसपास के इलाकों की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी सौगात साबित हो रहा है। इसका सीधा असर पर्यटन होटल रियल एस्टेट ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यापार में देखने को मिल रह है। ये व्यापार करीब तीन गुना तक बढ़ गए हैं। यही नहीं महाकाल मंदिर की आय में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
जेएनएन, उज्जैन। तीर्थाटन क्षेत्र के रूप में विकसित उज्जैन का महाकाल लोक उज्जैन और इसके आसपास के इलाकों की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी सौगात साबित हो रहा है।
इसका सीधा असर पर्यटन, होटल, रियल एस्टेट, ट्रांसपोर्ट से जुड़े व्यापार में देखने को मिल रह है। ये व्यापार करीब तीन गुना तक बढ़ गए हैं। यही नहीं महाकाल मंदिर की आय में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र महाकाल लोक का लोकार्पण पीएम नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को किया था।
श्रद्धालुओं की संख्या में दोगुना से ज्यादा बढ़ोतरी
जनवरी-2022 से जनवरी-2023 तक मंदिर की कुल आय 88 करोड़ रुपये थी, जो जनवरी-2023 से जनवरी 2024 तक 169 करोड़ रुपये पहुंच गई। दरअसल, महाकाल लोक के निर्माण के बाद उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में खासी बढ़ोतरी हुई है।
महाकाल लोक बनने से पहले महाकाल मंदिर में रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 20 से 25 हजार के बीच रहती थी। रविवार को यह संख्या 40 से 45 हजार और खास दिनों जैसे श्रावण सोमवार आदि में यह आंकड़ा 70 हजार तक पहुंची थी।
वहीं, महाकाल लोक निर्माण के बाद रोजाना उज्जैन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 80 हजार से एक लाख तक पहुंच गई है। रविवार या छुट्टी के दिनों में यह संख्या 1.50 लाख तक पहुंच जाती है। पिछले साल श्रावण मास के 35 दिनों में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर और महाकाल महाकाल लोक दर्शन के लिए पहुंचे थे।
दूसरे चरण का निर्माण बाकी
बता दें कि महाकाल लोक का पहले चरण का विकास करीब 352 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ है। दूसरे चरण का काम अभी बाकी है। योजना की कुल लागत 1172 करोड़ रुपये है।
महाकाल लोक बनने के बाद खास तौर पर होटल, ट्रांसपोर्ट, रियल स्टेट से जुड़े व्यापार में तीन गुना तक बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में उज्जैन में 20 बड़ी होटलें और 350 से अधिक छोटी होटलें चल रही हैं। पहले सीजन में भी अधिकतर होटलों के कमरे आधे ही भर पाते थे। अब श्रावण आदि विशेष पर्वों पर पर्यटकों को रूम के लिए मशक्कत करना पड़ती है। शहर में 250 से अधिक रेस्टोरेंट भी हैं। इनका कारोबार भी दोगुना हुआ है।
बड़ी संख्या में ओंकारेश्वर आ रहे श्रद्धालु
महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग जाने वालों की संख्या भी बढ़ी है। उज्जैन-इंदौर-ओंकारेश्वर एक टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित हुआ है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।