MP के पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों में नवआरक्षक पढ़ेंगे गीता का पाठ, हर दिन गूंजेंगे श्लोक, होगा ध्यान
मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में अब नवआरक्षक श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करेंगे। एडीजी राजाबाबू सिंह ने बताया कि गीता जीवन का सार है, जो प्रशिक्षुओं को धैर्य और जीवन मूल्यों को सिखाएगी। ग्वालियर के तिघरा स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में इसकी शुरुआत हुई, जहाँ ध्यान सत्र से पहले श्लोकों का वाचन होगा। राज्य के विभिन्न प्रशिक्षण स्कूलों में करीब 4,500 नवआरक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं, जिन्हें शारीरिक ट्रेनिंग के साथ आयुर्वेदिक ज्ञान भी दिया जा रहा है।

नवआरक्षकों को गीता का पाठ पढ़ाया जाएगा।
डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में अब नवआरक्षक श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों का पाठ करेंगे। मार्गशीर्ष माह के आरंभ के साथ ही यह नई पहल पूरे राज्य के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में शुरू की गई है। इससे पहले यहां श्रीरामचरितमानस पाठ कराया जा रहा था।
मिलेगी अहम सीख
एडीजी (प्रशिक्षण) राजाबाबू सिंह ने बताया कि गीता जीवन का सार है। इसके श्लोक नवआरक्षकों को न केवल हर परिस्थिति में धैर्य और संतुलन सिखाएंगे, बल्कि उन्हें जीवन के मूल्यों को समझने में भी मदद करेंगे। इस पहल की शुरुआत गुरुवार से ग्वालियर के तिघरा स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में की गई है। अब हर दिन ध्यान सत्र से पहले गीता के श्लोकों का वाचन होगा और उनका अर्थ भी बताया जाएगा, ताकि प्रशिक्षु आरक्षक इनसे प्रेरणा ले सकें।
साढ़े चार हजार प्रशिक्षु आरक्षक
गौरतलब है कि राज्य के ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, पचमढ़ी, उज्जैन, सागर, रीवा और उमरिया में स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों में इस समय करीब 4,500 नवआरक्षक प्रशिक्षण ले रहे हैं। जुलाई में शुरू हुए इस प्रशिक्षण सत्र में पहली बार नवआरक्षकों को बेसिक पुलिस ट्रेनिंग के साथ बीएसएफ जैसी कठोर शारीरिक ट्रेनिंग और आयुर्वेदिक ज्ञान भी दिया जा रहा है। प्रतिदिन नवआरक्षकों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखने के लिए ध्यान सत्र होता है। इससे पहले वे श्रीरामचरितमानस का पाठ पढ़ते हैं। अब मार्गशीर्ष माह में श्रीमदभागवत गीता के श्लोक भी नवआरक्षकों को पढ़ाए जाएंगे।
जेल में बंदियों को भी कराया गीता पाठ
यहां पर यह भी बता दें कि एडीजी सिंह पहले भी गीता के प्रचार-प्रसार से जुड़े रहे हैं। ग्वालियर रेंज के आईजी रहते हुए उन्होंने जेलों में बंद कैदियों को गीता का पाठ कराया था, साथ ही विभिन्न शासकीय संस्थानों में गीता की प्रतियां वितरित की थीं।
मार्गशीर्ष माह इस बार 6 नवंबर से शुरू होकर 4 दिसंबर तक चलेगा। शास्त्रों में इसे भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय बताया गया है। श्रीकृष्ण ने स्वयं गीता में कहा है— 'मासानां मार्गशीर्षोऽहम्', अर्थात् मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं। इसी भाव से पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों में इस पवित्र माह के दौरान गीता पाठ का आयोजन किया जा रहा है। गीता के नियमित पाठन से निश्चित रूप से नवआरक्षकों को सही जीवन जीने की कला मिलेगी। उनका जीवन बेहतर होगा।
- राजाबाबू सिंह, एडीजी, प्रशिक्षण, मप्र पुलिस

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