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    Kuno Forest Festival: चले आइये चंबल, चीतों के आंगन में उत्सव की धूम; गूंजेंगे तानसेन के तराने

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Fri, 08 Dec 2023 07:11 PM (IST)

    Kuno Forest Festival 17 दिसंबर से कूनो नेशनल पार्क में वन उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें कच्छ महोत्सव की तर्ज पर लक्जरी टेंट सिटी बनकर तैयार हो रही है ज ...और पढ़ें

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    17 दिसंबर से कूनो नेशनल पार्क में वन उत्सव मनाया जा रहा है। (फोटो- जागरण)

    वरुण शर्मा, ग्वालियर। बंदूक, डाकू, दहशत के लिए कभी देशभर में कुख्यात रह चुके मध्य प्रदेश का चंबल शीतकाल आते है अपने अप्रीतम सौंदर्य से चमक और चहक उठता है। आगरा से आगे बढ़ते ही चंबल नदी को दोनों और मौजूद मुरैना के बीहड़,ग्वालियर के राजशाही किला-पैलेस और चीतों की धरती श्योपुर में रोमांच से भरा इतना कुछ अनुभूति करने के लिए है कि एक सप्ताह का समय भी कम पड़ जाए।

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    17 दिसंबर से शुरू हो रहा कूनो फॉरेस्ट फेस्टिवल

    सोने पर सुहागा यह है कि 17 दिसंबर से कूनो नेशनल पार्क में वन उत्सव मनाया जा रहा है जिसमें कच्छ महोत्सव की तर्ज पर लक्जरी टेंट सिटी बनकर तैयार हो रही है जहां मेहमानों को प्रकृति के बीच रहकर कई गतिविधियों का आनंद लेने का मौका मिलेगा। 22 दिसंबर से ग्वालियर में विश्व संगीत उत्सव तानसेन समारोह प्रस्तावित है जिसमें देश-विदेश की नामी कलाकार प्रस्तुतियां देंगे। अच्छी बात यह है कि तानसेन समारोह में निशुल्क शिरकत की जा सकती है।

    पहली बार हो रहा कूनो फॉरेस्ट फेस्टिवल

    कूनो नदी के दोनों ओर फैले जंगल में अब अफ्रीका से आए चीते विचरण करते हैं। इसी जगह में टेंट सिटी बनाई जा रही है जिसमें 50 पांच सितारा सुविधाओं वाले टेंट मप्र टूरिज्म बोर्ड द्वारा लगाए जा रहे हैं। 17-23 दिसंबर तक यहां उत्सव होगा, जिसमें देश के कई चुनिंदा लोगों को बुलाया जा रहा है। 23 के बाद टेंट सिटी आम पर्यटकों की बुकिंग के लिए खोल दी जाएगी।

    देशी-विदेशी पर्यटक जंगल और वन्य प्राणियों को करीब से जानेंगे। यह टेंट फेस्टिवल के बाद भी 10 साल के लिए लगे रहेंगे। फेस्टिवल के ऐन पहले चीतों का जंगल में छोड़ा जा रहा है,इ ससे उम्मीद जताई जा रही है कि चीता सफारी भी इस दौरान शुरू की जाएगी। फेस्टिवल के दौरान कई तरह की मनोरंजक और साहसिक गतिविधियों को भी पर्यटकों के लिए कराने की योजना है। चीतों के आने के बाद यह पहला मौका है जब इतनी वृहद स्तर पर उत्सव को मप्र सरकार मना रही है।

    साइलेंट डीजे और नाइट वाक

    कूनो नेशनल पार्क में यह बड़ा फेस्टिवल ताे होगा साथ ही रोमांच भी उतना ही बड़ा होगा। यहां देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण रखे गए हैं, जिसमें पैरासेलिंग, हाट एयर बैलून, फ्री फ्लाइटस, पैराग्लाइडिंग, साइलेंट डीजे आन साइट जिसमें आगंतुक वायरलेस हेडफोन पर संगीत सुनते हुए डांस कर सकेंगे। इसके लिए ट्रांसमीटर से सिग्नल भी मिलेंगे। स्टार गेजिंग, जंगल सफारी, देवखो साइट विजिट, कल्चरल प्रोग्राम, यहां तैरती स्टेज पर कल्चर कार्यक्रम दिखाए जाएंगे। इसमें नाइट वाक भी शामिल किया गया है। इसके अलावा बच्चों के लिए अलग से किडस जोन रहेगा।

    यह भी पढ़ेंः Kuno Forest Festival: चीतों के आंगन में उत्सव 17 दिसंबर से होगा शुरू, चीता सफारी का लोग उठा सकेंगे आनंद, ऐसे होगी बुकिंग

    उच्च स्तरीय सुविधाएं-खानपान होगा

    कूनो नेशनल पार्क में इस फेस्टिवल के तहत उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ बेहतर खानपान भी दिया जाएगा। इसमें पर्यटकों की पसंद का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्हें आसपास गांवों के भ्रमण के साथ साथ स्थानीय कला संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। इसके साथ ही चीता प्रोजेक्ट को लेकर जानकारी दी जाएगी जिससे वे जान सकें कि यहां कितने चीते हैं और वर्तमान स्थिति क्या है।

    ऐसे होगी बुकिंग

    पैकेज बुकिंग के लिए कूनो फारेस्ट रिट्रीट डॉट कॉम पर जाकर पैकेज ऑप्शन पर जाना होगा। यहां संपर्क नंबर भी लिखे गए हैं। एक रात का प्रीमियम टेंट 5900 रुपए व दो रात के लिए 11800 रुपए का रहेगा।

    ऐसे पहुंचा जा सकता है

    कूनो जंगल उत्सव तक पहुंचना एक सहज यात्रा है, जिसमें आपकी सुविधा के लिए कई परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। चुनने के लिए तीन प्रवेश द्वार हैं - टिकटोली, अहेरा और पीपल बावड़ी। आप ग्वालियर हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरना चुन सकते हैं या कोटा और जयपुर जैसे अन्य नजदीकी शहरों के लिए हवाई यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं, जो उत्कृष्ट उड़ान कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं। रेल यात्रियों के लिए, निकटतम स्टेशन ग्वालियर, सवाई माधोपुर, कोटा, जयपुर और झांसी हैं, जो पार्क तक सुविधाजनक पहुंच प्रदान करते हैं।

    पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने कहा,

    कूनो फारेस्ट फेस्टिवल का आयोजन 17 दिसंबर से किया जा रहा है जो छह दिन तक होगा। टेंट सिटी बनेगी और दस साल को टेंट लगे रहेंगे। इसमें पर्यावरण,पर्यटन व वन्यजीव से लेकर चीता सरंक्षण का संदेश दिया जाएगा। हम इसकी तैयारियों में जुटे हैं। जो लोग इस दौरान कूनो आ रहे हैं वह ग्वालियर में इस अवधि के दौरान आयोजित तानसेन संगीत समागम का भी आनंद ले सकते हैं।


    कहां से कितनी दूरी

    • शिवपुरी से- 73 किमी
    • सवाई माधोपुर से- 133 किमी
    • ग्वालियर से- 165 किमी
    • झांसी से- 169
    • कोटा से- 214 किमी
    • जयपुर से- 325 किमी

    कूनो के आसपास भी आकर्षण

    कूनो फारेस्ट रिट्रीट न केवल प्रकृति की कच्ची और अदम्य सुंदरता में लिपटा एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है, बल्कि आसपास के कई आश्चर्यों को देखने की सुविधा भी प्रदान करता है। कूनो में प्रवास के दौरान देखने लायक कुछ उल्लेखनीय आकर्षण हैं।

    • पालपुर किला घड़ी
    • अमेट किला
    • मेतोनी किला
    • कैर खोह और ग्रेविटी पाइपलाइन
    • देव खो
    • आमझीर
    • दोबकुंड वाटरफाल और जैन मंदिर

    तानसेन समारोह: इस बार 99वां आयोजन के बनें साक्षी

    मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग के लिए उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत कला अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, भोपाल द्वारा संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में प्रतिवर्ष तानसेन समारोह का आयोजन ग्वालियर एवं उनकी कर्मस्थली बेहट में किया जाता है।

    यह देश का अत्यंत प्रतिष्ठित एवं स्थापित संगीत समारोह है जो अनवरत 98 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है। समारोह ने अपनी लम्बी सांगीतिक परम्परा का निर्वाह करते हुए शताब्दी दशक में प्रवेश कर नई ऊंचाइयां एवं प्रशंसा अर्जित की है। इस वर्ष 99वां संगीत समारोह 22 दिसंबर से प्रस्तावित है। इस वर्ष भी समारोह में देश-विदेश के प्रतिष्ठित एवं प्रतिभाशाली युवा कलाकार शिरकत करेंगे।

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